Introduction: कोरबा जिले में 15वें वित्त की राशि के वितरण और इसके उपयोग में गंभीर अनियमितताएँ सामने आई हैं। जिला पंचायत सीईओ के आदेश के बावजूद कोरबा और पाली जनपदों के करारोपण अधिकारियों ने 38 पंचायतों की जांच लटकाई। इस खबर में हम जानेंगे कि आखिरकार क्यों यह जांच प्रक्रिया ठंडे बस्ते में डाली गई है, और किसका मिल रहा है संरक्षण?
- 15वें वित्त की राशि की अनियमितता: कोरबा जिले में 15वें वित्त की राशि से किए गए कार्यों की जांच के आदेश के बावजूद कोरबा और पाली जनपदों में जांच प्रक्रिया लंबित पड़ी हुई है। 2022-23 वित्तीय वर्ष में किए गए कार्यों के लिए जिला पंचायत सीईओ ने 8 बिंदुओं पर जांच की मांग की थी, लेकिन अब तक जांच पूरी नहीं हो पाई है।
- जिला पंचायत सीईओ के आदेश की अवमानना: 18 नवम्बर 2024 को जिला पंचायत कोरबा और पाली को जांच के आदेश दिए गए थे। इसके बावजूद, करारोपण अधिकारियों ने निर्धारित समय सीमा के भीतर जांच प्रतिवेदन नहीं पेश किया। इस देरी से अधिकारियों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
- चुनावी वर्ष में जांच प्रक्रिया की रुकावट: जैसे-जैसे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नजदीक आ रहे हैं, अधिकारियों द्वारा जांच प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में डालने के आसार बढ़ गए हैं। चुनावी माहौल में यह स्थिति और भी जटिल हो सकती है, जिससे जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई न होने का सवाल उठ रहा है।
- भ्रष्टाचार की आशंका: विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, इन पंचायतों में व्यापक अनियमितताएँ हो रही हैं, जिन्हें दस्तावेजों के माध्यम से छिपाने की कोशिश की जा रही है। अधिकारियों की निष्क्रियता से यह स्पष्ट हो रहा है कि कामों का मूल्यांकन और भौतिक सत्यापन नहीं किया जा रहा है, जिसका फायदा संबंधित व्यक्तियों को हो रहा है।
- अब क्या होगा? कोरबा और पाली जनपदों में अधिकारियों की लापरवाही को देखते हुए प्रदेश स्तर पर उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता है। यदि कार्रवाई नहीं की जाती है, तो यह प्रशासन के प्रति जनता के विश्वास को और कमजोर कर सकता है।
इन पंचायतों की जांच लटकाई गई: कोरबा जिले के 28 ग्राम पंचायतों और पाली जिले के 10 ग्राम पंचायतों में 15वें वित्त की राशि से किए गए कार्यों की जांच लटकाई गई है। ये पंचायतें हैं: लबेद, चिर्रा, सिमकेंदा, मूढूनारा, कटबितला, उरगा, कटकोना, माखुरपानी, खोड्डल, बेला, कोरकोमा, कुरुडीह, गुरमा, भैसमा, अमलडीहा, दोन्दरो, चुईया, जामबहार, गोढ़ी, मदनपुर, जिल्गा, पसरखेत, बगबुड़ा, बुंदेली, बासीन, बरपाली, केरवां और केराकछार। पाली जनपद के पंचायतों में भी जांच लटकाई गई है। कोरबा जिले में 15वें वित्त की राशि का बंदरबांट: जांच आदेश के बावजूद कार्रवाई में लापरवाही