NCG NEWS DESK Bilaspur ;-
कोरोना में शिक्षकों की ड्यूटी के दौरान मौत पर शासन द्वारा मुआवजा नहीं देने पर जनहित याचिका दायर की गई है। जनहित याचिका में शासन से अदालत ने पूछा है कि शासन इन प्रकरणों में मुआवजा देने के लिए क्या कार्यवाही कर रही है? समर वेकेशन के बाद अगली सुनवाई होनी है।
शिक्षक दिलीप सारथी ने एक जनहित याचिका दायर कर अदालत को बताया है कि स्वास्थ्य कर्मियों की तरह शिक्षकों को भी कोरोना काल में कार्य के दौरान मृत्यु होने पर मुआवजा दिया जाए। शिक्षक सारथी ने बताया कि मरीजों की जांच व उपचार में लगे स्वास्थ्य कर्मचारियों की मौत पर केंद्र सरकार ने मृतकों के परिजनों 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया था। पर कोरोना मरीजों की ट्रेसिंग और कोरोनो मरीजों की मौत के बाद विशेष रूप से बनाए गए अंतेयष्टि स्थल पर ड्यूटी कर रहे कई शिक्षक बीमार होकर अपनी जान गंवा बैठे थे। पर इन परिवारों को राज्य सरकार द्वारा मुआवजा नहीं दिया गया। इन्हें भी 50 लाख रुपए मुआवजा देना चाहिए।
याचिका 47 शिक्षकों की लिस्ट दी गई,जिनकी मौत कोरोना ड्यूटी के दौरान बीमार पड़ने से हुई है। प्रकरण में लंबे समय से सुनवाई चल रही है। कल बुधवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। पर शासन से इसमें जवाब नहीं आया था। शासन को जवाब देने के निर्देश देते हुए चार सप्ताह बाद अगली सुनवाई तय की गई है। समर वेकेशन के बाद अब मामले की सुनवाई होगी।
पुलिस विभाग के लिए भी जनहित याचिका
इसी तरह पुलिसकर्मियों के मामले में भी दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। लोकेश कांवरिया ने पुलिस कर्मियों की कोरोना ड्यूटी के दौरान हुई मौत पर जनहित याचिका दायर की थी। उसमें कल बुधवार को शासन ने जवाब प्रस्तुत कर बताया कि पुलिस कर्मियों के लिए शासन की नीति में पहले से ही प्रावधान है और मुआवजा दिया जा रहा है।
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