छत्तीसगढ़ में अब लिथियम के बाद यूरेनियम की खोज… 1 किलो की कीमत 3 करोड़, इन गांवों में दबा है अकूत ‘खजाना’
कोरबा जिले में यूरेनियम की खोज की जाएगी। इसके पहले लिथियम का भंडार खोजा गया था। खनिज साधन विभाग ने धनगांव-गढ़तारा के एक गांव में पांच वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को यूरेनियम के लिए आरक्षित किया है, जहां अगले पांच वर्षों में सर्वेक्षण किया जाएगा। यूरेनियम का उपयोग बिजली उत्पादन और परमाणु हथियारों में किया जाता है।
- कोरबा में यूरेनियम के विशाल भंडार का अनुमान
- धनगांव-गढ़तारा गांव में होगी यूरेनियम की खोज
- कोरबा में लिथियम का मिल चुका है बड़ा भंडार
कोरबा: बिजली और कोयला के लिए प्रसिद्ध कोरबा में अब यूरेनियम की खोज की जाएगी। कोरबा में पहले ही लिथियम का भंडार मिल चुका है। इसके बाद अब यहां यूरेनियम की संभावना तलाशी जा रही है। छत्तीसगढ़ शासन के खनिज साधन विभाग ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें कोरबा के दर्शनीय स्थल कोसगाई के समीप गांव, धनगांव-गढ़तारा में यूरेनियम के लिए सर्वेक्षण की बात कही गई है।
अनुसंधान के लिए पांच वर्ग किमी क्षेत्र आरक्षित
आने वाले पांच वर्षों के लिए परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय इस गांव में अनुसंधान करेगा। गांव के एक सीमित क्षेत्र को आरक्षित कर दिया गया है, जहां यूरेनियम के भंडार की तलाश शुरू की जाएगी। धनगांव-गढ़तारा को आने वाले पांच वर्ष की अवधि के लिए परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय को सौंपा गया है, जहां वह अनुसंधान करेंगे।
छत्तीसगढ़ के खनिज साधन विभाग के जारी आदेश के अनुसार इस गांव के पांच वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को आरक्षित किया गया है, जहां परमाणु खनिज रियायत नियम 2016 के तहत यूरेनियम, लिथियम और एसोसिएटेड मिनरल का पूर्वेक्षण कार्य किया जाएगा।
जल्द शुरू हो सकता है सर्वेक्षण
खनिज साधन विभाग के विशेष सचिव सुनील कुमार जैन द्वारा जारी आदेश के तहत गांव, धनगांव-गढ़तारा के पांच वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को आरक्षित किया गया है, जिस पर भारत सरकार के परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय को एक्सप्लोरेशन एजेंसी के रूप में अधिसूचित किया गया है। अब यही एजेंसी इस गांव को एक्सप्लोर करेगी और यहां यूरेनियम जैसे बेहद दुर्लभ खनिज की तलाश करेगी।