
ED से 26 अगस्त तक मांगा जवाब, जेल में सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश, छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की याचिका पर बिलासपुर हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए दायर की गई इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नोटिस जारी किया है और 26 अगस्त तक जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।
इसके साथ ही कोर्ट ने चैतन्य बघेल को जेल में मिल रही सुविधाओं को लेकर भी अहम निर्देश दिए हैं।ED से 26 अगस्त तक मांगा जवाब, जेल में सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश
जेल में सुविधाओं पर हाईकोर्ट की ताकीद
सुनवाई के दौरान चैतन्य बघेल के वकील ने जस्टिस अरविंद वर्मा की सिंगल बेंच को बताया कि उनके मुवक्किल जेल में बुखार से पीड़ित हैं और उन्हें पीने के लिए साफ पानी भी नहीं मिल रहा है। इस पर गंभीरता दिखाते हुए हाईकोर्ट ने ईडी और जेल अधीक्षक को इन आरोपों का तत्काल सत्यापन करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जेल मैनुअल के अनुसार जो भी सुविधाएं निर्धारित हैं, वे चैतन्य बघेल को मिलनी सुनिश्चित की जाएं। इसके अलावा, हाईकोर्ट ने चैतन्य के वकील को इन सुविधाओं के लिए निचली अदालत में भी आवेदन करने की सलाह दी है।ED से 26 अगस्त तक मांगा जवाब, जेल में सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश
क्या है पूरा मामला?
उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाले और इससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वह न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। चैतन्य ने अपनी गिरफ्तारी को गैर-कानूनी बताते हुए इसे रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।ED से 26 अगस्त तक मांगा जवाब, जेल में सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश
भूपेश बघेल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं
वहीं, दूसरी ओर सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा था। भूपेश बघेल ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के उस प्रावधान को चुनौती दी थी, जो ईडी को पूरक आरोपपत्र दाखिल करने का अधिकार देता है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।ED से 26 अगस्त तक मांगा जवाब, जेल में सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि “समस्या कानून में नहीं, बल्कि उसके दुरुपयोग में है।” शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि अगर भूपेश बघेल को लगता है कि ईडी जांच में प्रक्रिया का पालन नहीं कर रही है, तो वह इसके लिए हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं।ED से 26 अगस्त तक मांगा जवाब, जेल में सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश









