बिलासपुर: कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर एसडीएम पीयूष तिवारी ने बड़ी कार्यवाही करते हुए तालाब की जमीन पर अतिक्रमण कर खेत बनाने वालों पर ₹25,000 का जुर्माना लगाया है। साथ ही, तालाब को उसके मूल स्वरूप में वापस लाने का आदेश दिया है। यदि आदेश का पालन 7 दिनों के भीतर नहीं किया गया, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। बिलासपुर: तालाब को पाटकर खेत बनाने वालों पर 25,000 रुपये का जुर्माना, मूल स्वरूप में लौटाने का आदेश
क्या है मामला?
जांच के दौरान यह पाया गया कि ग्राम कोनी, खसरा नंबर 126 (रकबा 0.299 हेक्टेयर) की जमीन, जो राजस्व रिकॉर्ड में ‘तालाब’ के रूप में दर्ज है, को अवैध रूप से पाटकर खेत में बदल दिया गया था।
छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 के अनुसार, तालाब और पानी के ऊपर मद की जमीन का स्वरूप परिवर्तन प्रतिबंधित है क्योंकि यह सामूहिक निस्तार की जमीन होती है। बिलासपुर: तालाब को पाटकर खेत बनाने वालों पर 25,000 रुपये का जुर्माना, मूल स्वरूप में लौटाने का आदेश
कौन-कौन हैं आरोपी?
जांच में तहसीलदार ने पाया कि अनावेदक व्यासनारायण पाण्डेय और सुरेंद्र पाण्डेय ने तालाब की जमीन को पाटकर खेत बना दिया।
- आरोपियों ने खुद यह स्वीकार किया कि उन्होंने यह कार्य किया है।
- जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर धारा 242 और 253 के तहत मामला दर्ज किया गया। बिलासपुर: तालाब को पाटकर खेत बनाने वालों पर 25,000 रुपये का जुर्माना, मूल स्वरूप में लौटाने का आदेश
क्या सजा दी गई?
- ₹25,000 का जुर्माना।
- 7 दिनों के भीतर तालाब को उसके मूल स्वरूप में लौटाने का आदेश।
- समय सीमा में आदेश का पालन नहीं होने पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी। बिलासपुर: तालाब को पाटकर खेत बनाने वालों पर 25,000 रुपये का जुर्माना, मूल स्वरूप में लौटाने का आदेश
प्राकृतिक जल स्रोतों का पुनः संरक्षण
यह कार्रवाई न केवल जल स्रोतों के संरक्षण को सुनिश्चित करेगी, बल्कि अतिक्रमणकर्ताओं को यह कड़ा संदेश देगी कि प्रशासनिक नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कलेक्टर और एसडीएम की टीम द्वारा यह कदम प्राकृतिक स्थानों के पुनः स्थापन की दिशा में सराहनीय है। बिलासपुर: तालाब को पाटकर खेत बनाने वालों पर 25,000 रुपये का जुर्माना, मूल स्वरूप में लौटाने का आदेश