पाकिस्तान में हाहाकार! 50% बांध खाली, अब भारत को ‘Water War’ की धमकी, जानें क्यों टूटा सिंधु जल समझौता
मुख्य बातें:
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पाकिस्तान में गहराए जल संकट के बीच रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत को ‘जलयुद्ध’ की धमकी दी।
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IRSA रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के तरबेला और मंगला जैसे बड़े बांध 50% से ज्यादा खाली हो चुके हैं।
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भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को निलंबित कर दिया था।
India-Pakistan Relations: भारत के साथ सीमा पर तनाव भले ही कुछ थमा हो, लेकिन पाकिस्तान अब एक नए और गहरे संकट में घिर गया है – जल संकट। सिंधु जल समझौते के निलंबन के बाद पाकिस्तान की नदियां सूख रही हैं और बांधों में पानी का स्तर खतरनाक रूप से नीचे गिर गया है। इस बौखलाहट में पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत पर ‘जलयुद्ध’ छेड़ने का आरोप लगाते हुए धमकी दी है।पाकिस्तान में हाहाकार! 50% बांध खाली
शनिवार को एक बयान में ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि भारत ने जानबूझकर चिनाब नदी का पानी रोक दिया है, जिससे पाकिस्तान में सूखे जैसे हालात बन गए हैं।पाकिस्तान में हाहाकार! 50% बांध खाली
“भारत पारंपरिक जंग हार चुका है”: ख्वाजा आसिफ
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने अपने बयान में कहा, “भारत पारंपरिक युद्ध में हमसे जीत नहीं सकता, इसलिए अब वह हम पर दबाव बनाने के लिए पानी को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच कोई पर्दे के पीछे या गुप्त बातचीत नहीं चल रही है। यह बयान पाकिस्तान की बेबसी और हताशा को साफ दिखाता है।पाकिस्तान में हाहाकार! 50% बांध खाली
पाकिस्तान में जल प्रलय: 50% बांध खाली, नदियां सूखीं
ख्वाजा आसिफ के आरोप सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी नहीं हैं, बल्कि पाकिस्तान की जमीनी हकीकत भी भयावह है। पाकिस्तान की जल नियामक संस्था IRSA (Indus River System Authority) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार:
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सिंधु, झेलम और चिनाब जैसी प्रमुख नदियों में पानी का प्रवाह 21% तक कम हो गया है।
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पाकिस्तान के सबसे बड़े बांध मंगला और तरबेला में जल भंडारण क्षमता 50% से भी नीचे चली गई है।
क्यों टूटा सिंधु जल समझौता? पहलगाम आतंकी हमला बना वजह
भारत ने यह कड़ा कदम क्यों उठाया? इसके पीछे की वजह 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुआ भीषण आतंकी हमला है, जिसमें 26 भारतीय पर्यटकों की जान चली गई थी। इस हमले के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए न केवल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की, बल्कि कई कड़े राजनयिक कदम भी उठाए:
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सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
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अटारी बॉर्डर चेकपोस्ट और वीजा सुविधाओं को बंद कर दिया।
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दोनों देशों ने अपने-अपने उच्चायुक्तों को वापस बुला लिया।
सिर्फ पानी नहीं, कृषि और बिजली पर भी टूटा संकट का पहाड़
सिंधु नदी प्रणाली को पाकिस्तान की जीवन रेखा माना जाता है। समझौते के निलंबन का असर अब पूरे देश पर दिख रहा है:
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पाकिस्तान की 90% कृषि सिंधु नदी प्रणाली पर निर्भर है, जिससे 4.7 करोड़ एकड़ भूमि की सिंचाई बुरी तरह प्रभावित हुई है।
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पानी की कमी के कारण देश के हाइड्रोपावर प्लांट्स से होने वाले बिजली उत्पादन में 30% से 50% की भारी गिरावट आई है।
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इससे औद्योगिक उत्पादन ठप हो रहा है और रोजगार का गंभीर संकट पैदा हो गया है।
समझौते के लिए गिड़गिड़ाया पाकिस्तान, भारत का रुख सख्त
दोनों देशों के बीच 4 दिनों के संघर्ष के बाद अमेरिका की मध्यस्थता से 10 मई को सीजफायर तो हो गया, लेकिन भारत ने सिंधु जल संधि को बहाल करने से साफ इनकार कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान इस संधि को फिर से शुरू करवाने के लिए भारत को 4 बार पत्र लिख चुका है, लेकिन भारत का रुख आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई तक सख्त बना हुआ है।पाकिस्तान में हाहाकार! 50% बांध खाली