प्रदेशभर में 10,444 पंचायत सचिवों का आंदोलन, ग्रामीण विकास कार्य ठप
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में पंचायत सचिव संघ ने अपनी शासकीयकरण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। सरकार द्वारा किए गए वादों को पूरा न करने के कारण पंचायत सचिव ब्लॉक स्तर पर धरने पर बैठे हैं। हड़ताल के चलते ग्राम पंचायतों में विकास कार्य ठप हो गए हैं, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है। पंचायत सचिवों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, सरकारीकरण की मांग पर अड़े
प्रदेश स्तर पर आंदोलन तेज, कामकाज प्रभावित
पंचायत सचिव संघ ने अपने पत्र में बताया कि 17 मार्च को विधानसभा घेराव किया गया था और 18 मार्च से सभी जनपद मुख्यालयों में अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है। इसके बाद अप्रैल में मंत्रालय घेराव की भी योजना बनाई गई है। पंचायत सचिवों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, सरकारीकरण की मांग पर अड़े
सरकार ने नहीं निभाया वादा?
पंचायत सचिवों का कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान “मोदी गारंटी” के तहत सरकारीकरण का वादा किया गया था, लेकिन अब तक इसे पूरा नहीं किया गया। 1995 से कार्यरत पंचायत सचिवों को सरकारी सेवक बनाए जाने की गारंटी दी गई थी, लेकिन बार-बार आश्वासन मिलने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। पंचायत सचिवों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, सरकारीकरण की मांग पर अड़े
“अब सिर्फ समाधान चाहिए, आश्वासन नहीं” – पंचायत सचिव
मस्तूरी ब्लॉक के पंचायत सचिव सतीश टंडन ने कहा कि संघ ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को ज्ञापन सौंपा था। लेकिन बार-बार वादे करके सचिवों को गुमराह किया जा रहा है। उनका कहना है कि जब तक सरकार मांगें पूरी नहीं करती, हड़ताल जारी रहेगी। पंचायत सचिवों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, सरकारीकरण की मांग पर अड़े
हड़ताल से पंचायतों में ठप हुए ये कार्य
✅ सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन रुका
✅ ग्राम पंचायतों की बैठकें स्थगित
✅ विकास कार्यों पर ब्रेक
✅ शासकीय फंड और योजनाओं का वितरण प्रभावित
प्रदेशभर में 10,444 पंचायत सचिव हड़ताल पर
छत्तीसगढ़ में कुल 10,444 पंचायत सचिव हड़ताल पर हैं। अकेले बिलासपुर में 444 पंचायत सचिव हैं। प्रदेशभर में 11,666 पंचायतें और 146 ब्लॉक हैं, जहां ब्लॉक स्तर पर विरोध प्रदर्शन जारी है। पंचायत सचिवों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, सरकारीकरण की मांग पर अड़े
“सरकार ही हड़ताल की जिम्मेदार” – पंचायत सचिव संघ
संघ का कहना है कि हड़ताल की मुख्य वजह सरकार का वादा पूरा न करना है। मुख्यमंत्री और पंचायत मंत्री ने शासकीयकरण की घोषणा की थी, लेकिन अब तक इसे लागू नहीं किया गया। इसलिए पंचायत सचिव मजबूरी में हड़ताल कर रहे हैं। पंचायत सचिवों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, सरकारीकरण की मांग पर अड़े