एंटी करप्शन ब्यूरो ने पटवारी और कोटवार को रंगे हाथ गिरफ्तार किया
दुर्ग जिले के पाटन तहसील से एक बड़ी रिश्वतखोरी की घटना सामने आई है, जिसमें पटवारी और कोटवार को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने रंगे हाथ पकड़ लिया। पटवारी चिन्मय अग्रवाल ने एक किसान से 90 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी, जिसमें से पहले 20 हजार रुपए की किश्त लेते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले ने एक बार फिर भ्रष्टाचार को उजागर किया है। दुर्ग जिले में पटवारी और कोटवार को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा, 90 हजार की मांग थी
ऋण पुस्तिका के लिए रिश्वत की मांग
ACB को शिकायत मिली थी कि दुर्ग जिले के रानीतराई गांव के किसान प्रकाश चंद्र देवांगन को पटवारी से ऋण पुस्तिका प्राप्त करने के लिए रिश्वत देने के लिए दबाव डाला जा रहा था। शिकायतकर्ता ने एंटी करप्शन ब्यूरो के रायपुर कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें बताया कि उनकी मां के नाम पर सुरपा गांव में कृषि भूमि खरीदी गई थी। इस जमीन का प्रमाणीकरण कराने के लिए पटवारी चिन्मय अग्रवाल से संपर्क किया गया था, लेकिन पटवारी ने ऋण पुस्तिका देने के बदले 90 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। दुर्ग जिले में पटवारी और कोटवार को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा, 90 हजार की मांग थी
किसान ने ACB को दी शिकायत, पकड़े गए आरोपी
किसान प्रकाश चंद्र देवांगन ने रिश्वत देने के बजाय पटवारी और उसके सहयोगी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़वाने की योजना बनाई। ACB ने शिकायत का सत्यापन किया और मोलभाव के बाद रिश्वत की रकम 70 हजार रुपए तय हुई। किसान ने पहले किश्त के रूप में 20 हजार रुपए की व्यवस्था की और मंगलवार को पटवारी को यह रकम देने पहुंचे, तभी एसीबी की टीम ने दोनों आरोपियों को पकड़ लिया। दुर्ग जिले में पटवारी और कोटवार को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा, 90 हजार की मांग थी
रिश्वत के खिलाफ एसीबी की बड़ी कार्रवाई
यह घटना एसीबी द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ की गई एक और बड़ी कार्रवाई को दर्शाती है। एसीबी के कर्मचारियों ने पूरी योजना को सफलतापूर्वक अंजाम दिया और पटवारी के साथ उसके सहयोगी कोटवार भूषण लाल को भी गिरफ्तार कर लिया। अब इस मामले की जांच की जा रही है और अन्य आरोपियों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं। दुर्ग जिले में पटवारी और कोटवार को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा, 90 हजार की मांग थी