बैंक की शिकायत पर दर्ज हुआ मामला
बिलासपुर जिले के गनियारी उप तहसील में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां फर्जी खसरा नंबर बनाकर 20 लाख रुपये का लोन लेने का बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। इस मामले में पटवारी, कंप्यूटर सहायक और लोन लेने वाले पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। पटवारी की फर्जीवाड़ा: बैंक से 20 लाख का लोन, फर्जी खसरा नंबर से हुई बड़ी धोखाधड़ी
मामले का खुलासा कैसे हुआ?
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, भाटापारा शाखा ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि ग्राम पोड़ी में बने खसरा नंबर 24/3, 128/4, 130/3, 130/4 और 279/3 के आधार पर 20 लाख का लोन लिया गया है। जांच में पाया गया कि ये खसरा नंबर असली नहीं हैं और इनकी जमीन का मौके पर कोई अस्तित्व ही नहीं है। पटवारी की फर्जीवाड़ा: बैंक से 20 लाख का लोन, फर्जी खसरा नंबर से हुई बड़ी धोखाधड़ी
फर्जी खसरा बनाने वाले आरोपी
- तत्कालीन हल्का पटवारी राजकिशोर सवैया (निवासी: अमेरि)
- कंप्यूटर सहायक सतवंत सिंह टंडन (निवासी: थेम्हापार, मस्तूरी)
- लोन लेने वाला हेमन कुमार केंवट (निवासी: ग्राम तनौद, जिला जांजगीर-चांपा)
कैसे की गई धोखाधड़ी?
- पटवारी और कंप्यूटर सहायक ने मिलकर फर्जी खसरा नंबर तैयार किए।
- इन खसरा नंबरों को भुइयां पोर्टल पर अपलोड किया गया।
- फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक से 20 लाख का लोन स्वीकृत करवा लिया।
- बाद में पटवारी ने अपनी आईडी का उपयोग कर इन खसरा नंबरों को पोर्टल से हटा दिया। पटवारी की फर्जीवाड़ा: बैंक से 20 लाख का लोन, फर्जी खसरा नंबर से हुई बड़ी धोखाधड़ी
नायब तहसीलदार ने की शिकायत
गनियारी उप तहसील की नायब तहसीलदार श्रद्धा सिंह ने पूरे मामले की जांच कराई और फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया। इसके बाद सकरी पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। पटवारी की फर्जीवाड़ा: बैंक से 20 लाख का लोन, फर्जी खसरा नंबर से हुई बड़ी धोखाधड़ी
आरोपियों पर कार्रवाई
सकरी पुलिस ने पटवारी राजकिशोर सवैया, कंप्यूटर सहायक सतवंत सिंह और हेमन कुमार केंवट के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। मामले की आगे की जांच जारी है। पटवारी की फर्जीवाड़ा: बैंक से 20 लाख का लोन, फर्जी खसरा नंबर से हुई बड़ी धोखाधड़ी