Ncg news desk New Delhi :-
दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 6 साल के लिए चुनावी बैन की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि वह चुनाव आयोग को कैसे काम करना है इसका आदेश नहीं दे सकता है। याचिकाकर्ता वकील आनंद एस जोंधले ने अपनी दलीलों के समर्थन में एक एडिशनल एफिडेविट भी दाखिल किया था।
दरअसल, याचिकाकर्ता वकील आनंद एस जोंधले ने याचिका में पीएम मोदी पर आचार संहिता उल्लंघन का रूप लगाया था। जिसमे कहा गया था कि पीएम मोदी ने पीलीभीत में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान धार्मिक देवी-देवताओं और पूजा स्थलों के नाम पर बीजेपी के लिए वोट मांग रहे हैं। जोंधले ने कोर्ट से मांग की थी कि वह ‘रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट’ यानी जन प्रतिनिधत्व अधिनियम के तहत प्रधानमंत्री पर छह साल तक चुनाव लड़ने से रोक लगाने के लिए इलेक्शन कमीशन को निर्देश दे। लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने इस याचिका को ख़ारिज कर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि याचिका कई कारणों से पूरी तरह से गलत है। याचिकाकर्ता का मानना है कि आचार संहिता का उल्लंघन हुआ, लेकिन हमारे लिए चुनाव आयोग को किसी शिकायत पर कोई विशेष नजरिया अपनाने का निर्देश देना सही नहीं है। चुनाव आयोग जोंधले की शिकायत पर कानून के मुताबिक एक्शन लेगा। हम ये याचिका खारिज करते हैं।
पीएम मोदी के किस भाषण पर है विवाद?
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने 9 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में एक चुनावी रैली में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन के नेताओं ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकरा कर भगवान राम का अपमान किया। उन्होंने कांग्रेस पर उसके घोषणापत्र को लेकर भी निशाना साधा और कहा कि ऐसा लगता है कि यह उनका नहीं बल्कि मुस्लिम लीग का घोषणापत्र है।
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