रायपुर: छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में इन दिनों दो IAS अधिकारियों के बीच का विवाद चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसके कारण नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) की कई महत्वपूर्ण योजनाएं अधर में लटक गई हैं। यह विवाद न केवल स्वास्थ्य विभाग के कामकाज को प्रभावित कर रहा है, बल्कि TB और AIDS जैसी गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए चल रही सरकारी योजनाओं पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ा है।स्वास्थ्य विभाग में IAS अधिकारियों के टकराव से अधर में अटकी योजनाएं
विवाद का कारण: बजट कटौती और निजीकरण
नेशनल हेल्थ मिशन द्वारा स्वास्थ्य विभाग के बजट में कटौती करने और कुछ सरकारी कार्यक्रमों को निजी एजेंसियों से संचालित कराने का प्रस्ताव दिया गया था। इस विषय पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं के डायरेक्टर ऋतुराज रघुवंशी और NHM के एमडी जगदीश सोनकर के बीच मतभेद उभर कर सामने आए।स्वास्थ्य विभाग में IAS अधिकारियों के टकराव से अधर में अटकी योजनाएं
बैठक में हुआ टकराव
बैठक में स्वास्थ्य संचालक ऋतुराज रघुवंशी का कहना था कि मिशन का काम केवल सरकार से मिलने वाले बजट का आवंटन करना है, जबकि सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन और संचालन स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनके विभाग के बजट में कटौती नहीं की जा सकती। वहीं, मिशन के एमडी जगदीश सोनकर ने तर्क दिया कि स्वास्थ्य विभाग अपने बजट का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाता है, जिससे बजट का बड़ा हिस्सा लैप्स हो जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि बजट लैप्स न हो, इसलिए मिशन योजनाओं का संचालन करेगा।स्वास्थ्य विभाग में IAS अधिकारियों के टकराव से अधर में अटकी योजनाएं
बैठक में बढ़ता विवाद
इस बैठक की अध्यक्षता एसीएस मनोज पिंगुआ कर रहे थे। उन्होंने बढ़ते विवाद को शांत करने की कोशिश की, लेकिन दोनों अधिकारियों के बीच की बहस और तेज हो गई। आखिरकार, एसीएस पिंगुआ ने बैठक से नाराज होकर किनारा कर लिया, जिससे विवाद और भी गहरा हो गया।स्वास्थ्य विभाग में IAS अधिकारियों के टकराव से अधर में अटकी योजनाएं
नतीजा: योजनाओं का संचालन अधर में
इस विवाद के कारण नेशनल हेल्थ मिशन और स्वास्थ्य विभाग की कई महत्वपूर्ण योजनाएं अधर में लटक गई हैं। अगर इस टकराव का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो राज्य में चल रही स्वास्थ्य योजनाओं पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, जिससे आम जनता को होने वाले लाभों में देरी हो सकती है।स्वास्थ्य विभाग में IAS अधिकारियों के टकराव से अधर में अटकी योजनाएं