Modi Cabinet Meeting: पीएम आशा स्कीम को मंजूरी, किसानों को मिलेगा लाभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पीएम आशा (प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान) योजना को जारी रखने और उसका दायरा बढ़ाने की मंजूरी दी गई। इस योजना के लिए सरकार ने 35,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जिसका उद्देश्य किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाना और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में अस्थिरता पर काबू पाना है।
पीएम आशा स्कीम क्या है?
पीएम आशा स्कीम (प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान) सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सुनिश्चित करना और फसलों की कीमतों में स्थिरता बनाए रखना है। इसके तहत, जब बाजार में फसल की कीमतें MSP से नीचे चली जाती हैं, तो सरकार उस फसल को खरीदने का काम करती है। खासतौर पर दालों और तिलहन जैसी फसलों की कीमतें घटने पर सरकार उनका क्रय करती है, जिससे किसानों को नुकसान न हो।
किसानों को होगा फायदा
पीएम आशा योजना के अंतर्गत सरकार ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को ध्यान में रखते हुए मूल्य स्थिरीकरण योजना (PSS) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (PSF) को इसमें एकीकृत किया है। इसका लाभ यह होगा कि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिलेगा और उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर आवश्यक वस्तुएं मिलती रहेंगी।
35000 करोड़ रुपये का बजट
सरकार ने घोषणा की है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 तक इस योजना पर कुल 35,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह राशि किसानों की फसलों के उचित मूल्य सुनिश्चित करने, बाजार में कीमतों को स्थिर बनाए रखने और उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता को ध्यान में रखकर आवंटित की गई है।
पीएम आशा स्कीम के घटक
- मूल्य समर्थन योजना (PSS): इसके तहत सरकार किसानों से सीधी फसल खरीदी करेगी।
- मूल्य स्थिरीकरण कोष (PSF): यह योजना उपभोक्ताओं को आवश्यक वस्तुएं सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने के लिए लागू की गई है।
- मूल्य नुकसान भुगतान योजना (PDPS): बाजार में फसल की कीमत MSP से नीचे जाने पर, सरकार उस अंतर की भरपाई करेगी।
- बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS): बाजार में दखल देकर सरकार कीमतों में स्थिरता लाने का काम करेगी।
योजना के लाभ
1. किसानों की आय में सुधार: किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
2. उपभोक्ताओं के लिए स्थिर कीमते: आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में अस्थिरता को नियंत्रित कर उपभोक्ताओं को राहत दी जाएगी।
3. कृषि क्षेत्र में स्थिरता: बाजार हस्तक्षेप के जरिए कृषि उत्पादों की कीमतों में स्थिरता बनी रहेगी।