कुशीनगर l प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में हुए घोटाले की जांच लखनऊ से आई विशेष टीम द्वारा की जा रही है, जिससे जिले में हड़कंप मच गया है। खड्डा और कप्तानगंज सहित जिले के कई हिस्सों में पात्र लोगों को दरकिनार कर अपात्र लोगों को आवास दिए जाने की शिकायतें मिली हैं। पीएम आवास योजना घोटाला
सिसवा गोपाल और सोहरौना गांव में भारी अनियमितता का खुलासा
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक मदन गोविंद राव की शिकायत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे। लखनऊ से आई संयुक्त विकास आयुक्त कार्यालय की उपायुक्त सुमन लता की टीम ने गुरुवार को खड्डा ब्लॉक के सिसवा गोपाल और सोहरौना गांवों में जांच की। पीएम आवास योजना घोटाला
यहां बड़ी संख्या में ऐसे लोग पाए गए जो पात्र होने के बावजूद प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित थे। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि अधिकारियों ने 20,000 रुपये की रिश्वत न मिलने पर कई पात्र लोगों को अपात्र घोषित कर दिया था। पीएम आवास योजना घोटाला
कप्तानगंज में भी मिली अनियमितताएं
जांच के दूसरे दिन टीम ने कप्तानगंज ब्लॉक के कारीतिन और पेमली गांवों का दौरा किया। कारीतिन गांव में जांच के दौरान टीम ने पाया कि पात्र होने के बावजूद उदयभान सहानी, मोती हरिजन, और कुम्मन हरिजन को आवास योजना का लाभ नहीं मिला। वहीं, पेमली गांव में 6 आवासों की जांच की गई, जिसमें स्थिति संतोषजनक पाई गई। पीएम आवास योजना घोटाला
घोटाले का साल 2018-19 से संबंध
जांच में यह बात सामने आई है कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में कई पात्र व्यक्तियों को जानबूझकर योजना से बाहर रखा गया था। उपायुक्त सुमन लता ने कहा कि जिन पात्र लोगों को योजना का लाभ नहीं मिला है, उन्हें आवास मुहैया कराया जाएगा। जो लोग अभी भी वंचित रह जाएंगे, उन्हें अगले वित्तीय वर्ष में योजना में शामिल किया जाएगा। पीएम आवास योजना घोटाला
मुख्यमंत्री के निर्देश पर हुई जांच की शुरुआत
पूर्व विधायक मदन गोविंद राव ने 11 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर इस घोटाले की शिकायत की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर 9 सितंबर को ग्राम्य विकास विभाग के उपायुक्त अखिलेश कुमार सिंह ने जांच प्रक्रिया शुरू की। टीम अब जिले के सभी ब्लॉकों में जाकर जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। पीएम आवास योजना घोटाला