आरंग: छत्तीसगढ़ के किसानों को अपनी मेहनत की कमाई पाने के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। धान बेचने के बाद भी किसानों को बैंकों से अपने पैसे निकालने में मुश्किलें हो रही हैं। जिला सहकारी बैंकों में कैश की कमी के चलते किसानों को उनके हक की रकम पूरी नहीं मिल पा रही है, जिससे उनमें नाराजगी बढ़ती जा रही है। अन्नदाताओं की मुसीबतें कम नहीं हो रहीं: भुगतान के लिए बैंकों में नहीं है पर्याप्त कैश, किसान परेशान
किसानों की परेशानी
छत्तीसगढ़ के किसान साहूकारों और बैंकों से कर्ज लेकर खेती करते हैं और धान बेचकर उसका भुगतान करते हैं। लेकिन इस बार धान खरीदी के बाद बैंकों में पर्याप्त कैश न होने से किसान अपनी जरूरत के लिए बैंकों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
रायपुर जिले के सबसे बड़े आरंग जिला सहकारी बैंक में किसानों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। अपनी उम्मीदों के साथ बैंक पहुंचे किसानों को कैश की कमी के कारण मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। अन्नदाताओं की मुसीबतें कम नहीं हो रहीं: भुगतान के लिए बैंकों में नहीं है पर्याप्त कैश, किसान परेशान
किसानों को हो रही समस्याएं
- पर्याप्त भुगतान नहीं:
किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार पूरी राशि नहीं दी जा रही है। उदाहरण के लिए, 2 लाख की जरूरत वाले किसान को सिर्फ 50 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। - लंबी कतारें:
किसान सुबह से बैंक के बाहर लाइन में खड़े रहते हैं और उन्हें दोपहर 2 बजे या 4 बजे भुगतान मिल पाता है। - कैश की अनुपलब्धता:
बैंक को रोजाना 4 करोड़ रुपए की जरूरत होती है, लेकिन केवल 1.5 करोड़ रुपए ही उपलब्ध हो पा रहे हैं। - धान परिवहन में देरी:
खरीदी केंद्रों पर धान के परिवहन में देरी हो रही है, जिससे जगह की कमी के चलते धान खरीदी भी बंद होने की आशंका है। अन्नदाताओं की मुसीबतें कम नहीं हो रहीं: भुगतान के लिए बैंकों में नहीं है पर्याप्त कैश, किसान परेशान
किसानों का आक्रोश
किसान नेता पारसनाथ साहू ने कहा कि इस साल किसानों को धान बेचने से लेकर भुगतान मिलने तक परेशानियों का सामना करना पड़ा है। टोकन वितरण में समस्याएं, ऑनलाइन और ऑफलाइन टोकन बंद होना और बैंकों में कैश की कमी जैसे मुद्दों ने किसानों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। अन्नदाताओं की मुसीबतें कम नहीं हो रहीं: भुगतान के लिए बैंकों में नहीं है पर्याप्त कैश, किसान परेशान
बैंक प्रबंधन की प्रतिक्रिया
आरंग सहकारी बैंक के प्रभारी व्यवस्थापक नरेंद्र चंद्राकर ने स्वीकार किया कि बैंक में कैश की कमी के कारण सभी किसानों को संतुष्ट नहीं किया जा पा रहा है। उच्चाधिकारियों को समस्या की जानकारी दी गई है, और जल्द ही बैंक की राशि की सीमा बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। अन्नदाताओं की मुसीबतें कम नहीं हो रहीं: भुगतान के लिए बैंकों में नहीं है पर्याप्त कैश, किसान परेशान