खैरागढ़: हर गरीब को पक्का मकान देने का सरकार का वादा अधूरा नजर आ रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत घर स्वीकृत होने के बावजूद 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला रुहनी बाई सतनामी को अभी तक अपना आशियाना नहीं मिला। बीते 4 सालों से वह सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रही हैं, लेकिन अब तक उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है। प्रधानमंत्री आवास योजना का वादा अधूरा! 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला 4 साल से दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर
बेघर बुजुर्ग मां, बेटों ने छीन लिया सहारा
✅ रुहनी बाई के दो बेटे हैं, लेकिन उन्होंने खेत और मकान हड़पकर मां को घर से निकाल दिया।
✅ बेटों के सहारे की उम्मीद थी, लेकिन वे उन्हें अकेला छोड़ गए।
✅ 2 साल पहले बारिश में उनका कच्चा मकान भी ढह गया, अब घास-फूस के घर में रहने को मजबूर हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना का वादा अधूरा! 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला 4 साल से दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर
प्रधानमंत्री आवास योजना का आवेदन तो हुआ, लेकिन मकान नहीं बना!
➡️ 2019 में रुहनी बाई ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन किया।
➡️ आवास स्वीकृत हो गया, लेकिन 4 साल बीतने के बावजूद घर नहीं बना।
➡️ बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने के बावजूद सिर्फ झूठे वादे ही मिले।
➡️ जनदर्शन में कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा से भी गुहार लगाई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। प्रधानमंत्री आवास योजना का वादा अधूरा! 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला 4 साल से दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर
सरकारी दावों की पोल खोलता यह मामला
– प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पात्र लोगों तक क्यों नहीं पहुंच रहा?
– अगर मकान स्वीकृत हो चुका है, तो अब तक निर्माण क्यों नहीं हुआ?
– क्या प्रशासन बुजुर्गों और जरूरतमंदों की कोई सुनवाई करेगा?
चार साल की लंबी लड़ाई के बाद भी रुहनी बाई को इंसाफ नहीं मिला है। अब सवाल उठता है कि आखिर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को मकान कब तक मिल पाएगा? प्रधानमंत्री आवास योजना का वादा अधूरा! 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला 4 साल से दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर