दुर्ग। पोटिया कला वार्ड के निवासी और वार्ड पार्षद अनुप चंदानिया के नेतृत्व में सैकड़ों लोग आज अपनी समस्याओं के समाधान के लिए एकत्रित हुए। उन्होंने ट्रेचिंग ग्राउंड में सेग्रीगेशन मशीन लगाने और हेमचंद यादव यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा दशहरा मैदान के बीचोंबीच सड़क निर्माण के प्रस्ताव का विरोध किया।पोटिया कला के वार्डवासियों का विरोध प्रदर्शन: ट्रेचिंग ग्राउंड में सेग्रीगेशन मशीन लगाने और दशहरा मैदान में सड़क निर्माण के खिलाफ आवाज़
ट्रेचिंग ग्राउंड से उठी दुर्गंध और बीमारियों का दंश
पोटिया कला में लंबे समय से दुर्ग नगर निगम के 60 वार्डों का कूड़ा-कचरा ट्रेचिंग ग्राउंड में डंप किया जा रहा था, जिससे वार्डवासी दुर्गंध, गंदगी और बीमारियों से परेशान थे। वार्डवासियों के अथक प्रयासों और आंदोलनों के बाद यह डंपिंग कार्य पिछले दो सालों से बंद हो गया था। हालांकि, हाल ही में चोरी-छुपे फिर से कचरा लाने की खबरें सामने आई हैं, जिससे स्थानीय लोगों में फिर से आक्रोश है। अब नगर निगम प्रशासन यहां सेग्रीगेशन मशीन लगाने की योजना बना रहा है, जिसके विरोध में वार्डवासी एकजुट हो गए हैं।पोटिया कला के वार्डवासियों का विरोध प्रदर्शन:
दशहरा मैदान के बीचों बीच सड़क निर्माण का विरोध
हेमचंद यादव यूनिवर्सिटी द्वारा दशहरा मैदान के बीचोंबीच सड़क निर्माण के प्रस्ताव ने वार्डवासियों के गुस्से को और बढ़ा दिया है। वार्डवासियों का कहना है कि यूनिवर्सिटी के पास पहले से ही दो रास्ते हैं, फिर भी तीसरी सड़क का निर्माण अनावश्यक है। वार्डवासियों की मांग है कि यूनिवर्सिटी को पोटिया वार्ड को गोद लेकर इसके विकास में सहयोग करना चाहिए, न कि खेल मैदान को नुकसान पहुंचाना चाहिए।पोटिया कला के वार्डवासियों का विरोध प्रदर्शन:
वार्डवासियों की मूलभूत समस्याएं
- ट्रेचिंग ग्राउंड से स्वास्थ्य खतरे: लंबे समय तक ट्रेचिंग ग्राउंड से उत्पन्न दुर्गंध और गंदगी के कारण वार्डवासियों को कई बीमारियों का सामना करना पड़ा।
- आवारा कुत्तों का आतंक: कचरा डंपिंग के कारण क्षेत्र में आवारा कुत्तों की संख्या में वृद्धि हुई, जिससे लोग भय और असुरक्षा महसूस करते हैं।
- खेती पर प्रभाव: ट्रेचिंग ग्राउंड के कारण आसपास की उपजाऊ भूमि बंजर हो गई है, जिससे किसानों की आजीविका प्रभावित हुई।
- किसानों का नुकसान: कचरे के ढेर से उड़ने वाली झिल्ली और पन्नी खेतों में पहुंचकर फसलों को नुकसान पहुंचाती हैं।
- वार्ड की छवि खराब: पोटिया कला को अब लोग “कचरा डिपो” के नाम से जानते हैं, जिससे वार्ड के विकास कार्यों पर बुरा असर पड़ा है।
विकास कार्यों में आ रही रुकावटें
पोटिया कला के वार्डवासी कई विकास योजनाओं के अधूरे होने से जूझ रहे हैं, जिनमें शामिल हैं:-
– शीतला तालाब का अधूरा सौंदर्यीकरण
– मुक्ति धाम मार्ग का आधा-अधूरा निर्माण
– गार्डन, गौठान, और स्कूलों का अधूरा विकास
– उबड़-खाबड़ सड़कों और नालियों में गंदगी
– खेल मैदान और शुलभ शौचालय में सफाई की कमी
– बिजली खंभों पर बंद लाइटें और मवेशियों का सड़कों पर बैठना
जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
वार्डवासियों ने शहर विधायक गजेन्द्र यादव, महापौर धीरज बाकलीवाल, जिला कलेक्टर, और संभाग आयुक्त को ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि यदि उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं किया गया, तो वे मजबूरन चक्का जाम कर बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे।पोटिया कला के वार्डवासियों का विरोध प्रदर्शन: