अंबिकापुर। PWD Road Corruption : लोक निर्माण विभाग अंबिकापुर डिवीजन एक बार फिर से सुर्खियों में है। अंबिकापुर-वाराणसी रोड में हुई कई बड़ी गड़बडिय़ों को जैसे-तैसे छिपा लिया गया। इसके बाद अब विभाग में ‘अन्य सडक़ों’ की मरम्मत के नाम पर नया खेल चल रहा है। विभाग ने इस साल कई ऐेसे टेंडर्स निकाले हैं जो संदेहजनक हैं। इन टेंडर्स में किसी सडक़ मार्ग के नाम का जिक्र करने की बजाय ‘अन्य सडक़ों’ की मरम्मत का नाम दिया है। जबकि विभाग के पास अपनी सभी सडक़ों का सम्पूर्ण विवरण लिखित में होता है।
छत्तीसगढ़ पीडब्ल्यूडी की ऑफिशियल वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार अंबिकापुर डिविजन में वित्तीय वर्ष 2023-24 में 25 जुलाई 2023 तक 41 टेंडर्स के एग्रीमेंट हुए हैं। इनमें से 36 काम ऐसे हैं जो 20 लाख रुपए से कम लागत के हैं। इसका सीधा मतलब यह है कि विभाग ने ज्यादातर टेंडर्स मैन्युअल पद्धति से किए।
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टेंडर की इस प्रकार की प्रक्रिया में किसी को लाभ पहुंचाना बहुत आसान होता है। विभाग द्वारा किए गए मैन्युअल टेंडर्स में से 5 ऐसे हैं जिनमें ‘अन्य सडक़ों’ या शहरी एवं ग्रामीण सडक़ों के मरम्मत का जिक्र है। ईई की कार्यप्रणाली को लेकर कई बार ठेकेदारों ने भी विरोध भी प्रकट किए हैं।
PWD के पास होता है सभी सडक़ों का रिकॉर्ड
पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट को कंस्ट्रक्शन लाइन का मदर डिपार्टमेंट कहा जाता है। इसके पास अपनी हर सडक़/भवन का स्पष्ट लेखा-जोखा होता है। यदि विभाग किसी दूसरे विभाग को अपनी सडक़/भवन देता है तो उसका भी रिकॉर्ड दफ्तर में होता है। ऐसे में भी टेंडर में ‘अन्य सडक़’, शहरी एवं ग्रामीण सडक़ के मरम्मत के काम का जिक्र विभाग पर सवालिया निशान पैदा करता है।
सवालों के घेरे में है इन सडक़ों के टेंडर
1- उपसंभाग क्रमांक 1 अंबिकापुर के अंतर्गत मुख्य जिला मार्गों का मरम्मत कार्य
2- उपसंभाग क्रमांक 1 अंबिकापुर के अंतर्गत मुख्य जिला एवं ग्रामीण मार्गों का मरम्मत कार्य
3- उपसंभाग क्रमांक 2 अंबिकापुर के अंतर्गत दरिमा बेलखरिखा मार्ग एवं अन्य मार्गों में मरम्मत कार्य
4- उपसंभाग सीतापुर के अंतर्गत चितरपुर-डुमरडीह मार्ग एवं अन्य मार्गों में मरम्मत कार्य
5- उपसंभाग सीतापुर के अंतर्गत मुख्य जिला एवं ग्रामीण मार्गों में मरम्मत का कार्य
टेंडर में संबंधित काम की स्पष्ट व्याख्या जरूरी है
विभागीय गाइडलाइन के अनुसार टेंडर में काम की स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए। जिससे कोई ठेकेदार साइट को देख-समझकर टेंडर में भाग ले सके। लेकिन अन्य सडक़ों के खेल ने ठेकेदारों की उलझनें बढ़ा दी हैं।
ठेकेदार विभाग की अस्पष्ट कार्यप्रणाली की वजह से परेशान हैं। वे इन ‘अन्य सडक़ों’ को टेंडर में भाग लेने से पहले सडक़ें ढूंढते ही रह जा रहे हैं तब तक विभागीय अधिकारी अपने चहेतों को लाभ पहुंचा चुके होते है।