सतना में स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल: हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की निगरानी में लापरवाही, 15 दिन में 2 मौतें
जिले की 22% गर्भवती महिलाएं हाई रिस्क पर, एनीमिया और हाइपरटेंशन बड़ी चुनौती

सतना : सतना में स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल: हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की निगरानी में लापरवाही, 15 दिन में 2 मौतें.सतना जिले में हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की उचित निगरानी न होने के कारण उनकी जान पर बन आ रही है। पिछले 15 दिनों में दो गर्भवती महिलाओं की मौत ने स्वास्थ्य विभाग की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है। इन मौतों का मुख्य कारण खून की कमी (एनीमिया) बताया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, सतना और मैहर में कुल 23,049 गर्भवती महिलाएं पंजीकृत हैं, जिनमें से 5,502 (लगभग 22 प्रतिशत) को हाई रिस्क श्रेणी में चिह्नित किया गया है। इन महिलाओं के लिए चार एएनसी (एंटीनेटल केयर) जांच और प्रसव से 10 दिन पहले अस्पताल में भर्ती करने का प्रावधान है, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका पालन नहीं हो पा रहा है।सतना में स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल: हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की निगरानी में लापरवाही
आंकड़ों में स्थिति
जिले के 8 विकासखंडों में हाई रिस्क के रूप में दर्ज 5,502 गर्भवती महिलाओं में से 4,949 एनीमिया से ग्रसित हैं, जबकि 264 गंभीर एनीमिया का शिकार हैं। इसके अलावा, 289 महिलाओं में हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) की समस्या पाई गई है। मैहर ब्लॉक की महिलाओं में खून की कमी की समस्या सबसे अधिक देखने को मिली है।सतना में स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल: हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की निगरानी में लापरवाही
हालिया मौतें
नागौद के कोडर निवासी रोशनी नामक गर्भवती महिला की मौत भी एनीमिया के कारण हुई है। रोशनी की केवल दो एएनसी जांचें हो पाई थीं, तीसरी और चौथी जांच नहीं हुई। 1 नवंबर को पेट में दर्द होने पर परिजन उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नागौद ले गए, जहां गंभीर एनीमिया का पता चला। प्रसव का समय 15 नवंबर था, लेकिन पहले ही हालत बिगड़ने पर उन्हें जिला अस्पताल लाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।सतना में स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल: हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की निगरानी में लापरवाही
सीएमएचओ डॉ. एलके तिवारी ने नागौद से रेफर हुई रोशनी की मौत के मामले में जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने डीएचओ, डीपीएचएनओ और एक स्त्री रोग विशेषज्ञ को शामिल कर जांच प्रतिवेदन मांगा है।सतना में स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल: हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की निगरानी में लापरवाही
स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया
सीएमएचओ डॉ. एलके तिवारी ने कहा कि एनीमिक महिलाओं की मौत के बाद मृत्यु की समीक्षा कर लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई की जाती है। उन्होंने बताया कि मैदानी अमले को गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत एएनसी चेकअप कराने की जिम्मेदारी दी गई है, और हाई रिस्क फॉलोअप की समीक्षा भी की जाती है।सतना में स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल: हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की निगरानी में लापरवाही
ये घटनाएं स्वास्थ्य विभाग की निगरानी प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं और यह दर्शाती हैं कि हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच और समय पर इलाज कितना महत्वपूर्ण है।सतना में स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल: हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की निगरानी में लापरवाही









