कृषि एवं पर्यावरणकोरबा

कोरबा में 5 करोड़ के वृक्षारोपण पर उठे सवाल: पसान रेंज में ‘घोटाला’, सूखने लगे पौधे और मजदूरी में ‘डंडी’

कोरबा में 5 करोड़ के वृक्षारोपण पर उठे सवाल: पसान रेंज में ‘घोटाला’, सूखने लगे पौधे और मजदूरी में ‘डंडी’, कोरबा जिले का कटघोरा वनमंडल एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार कारण है पसान रेंज में चल रही 5 करोड़ रुपये की वृक्षारोपण योजना। पिपरिया-सीपतपारा की तर्ज पर इस योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जहां बरसात की शुरुआत में ही लगाए गए पौधे सूखने लगे हैं और मजदूरों को उनकी पूरी मजदूरी नहीं मिल रही है।

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केम्पा मद से चल रही योजना में गंभीर खामियां

कोरबा में 5 करोड़ के वृक्षारोपण पर उठे सवाल: पसान रेंज में 'घोटाला', सूखने लगे पौधे और मजदूरी में 'डंडी'

पसान रेंज अंतर्गत कोटमर्रा क्षेत्र में 250 हेक्टेयर भूमि पर 50 हजार पौधों का रोपण किया जा रहा है। केम्पा (CAMPA) मद से पोषित इस योजना का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और हरियाली बढ़ाना है। हालांकि, स्थल निरीक्षण में कई गंभीर खामियां उजागर हुई हैं, जो योजना की पारदर्शिता और गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न लगाती हैं।कोरबा में 5 करोड़ के वृक्षारोपण पर उठे सवाल: पसान रेंज में ‘घोटाला’, सूखने लगे पौधे और मजदूरी में ‘डंडी’

न साइनबोर्ड, न पारदर्शिता: नियमों की अनदेखी

कोरबा में 5 करोड़ के वृक्षारोपण पर उठे सवाल: पसान रेंज में 'घोटाला', सूखने लगे पौधे और मजदूरी में 'डंडी'

वन विभाग के नियमों के अनुसार, किसी भी कार्यस्थल पर योजना से संबंधित जानकारी जैसे लागत, मजदूरी दर, पौधों की संख्या आदि का विवरण एक साइनबोर्ड पर प्रदर्शित करना अनिवार्य है। लेकिन पसान रेंज में ऐसा कोई बोर्ड नहीं लगाया गया है, जिससे स्थानीय ग्रामीणों और मजदूरों को योजना की सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। यह सीधे तौर पर पारदर्शिता के नियमों का उल्लंघन है।कोरबा में 5 करोड़ के वृक्षारोपण पर उठे सवाल: पसान रेंज में ‘घोटाला’, सूखने लगे पौधे और मजदूरी में ‘डंडी’

मजदूरी भुगतान में घोटाला और स्थानीय मजदूरों की उपेक्षा

योजना के तहत मजदूरों को 310 रुपये प्रतिदिन की दर से सीधे उनके बैंक खाते में भुगतान किया जाना चाहिए। लेकिन मजदूरों का आरोप है कि उन्हें केवल 250 रुपये नकद में दिए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, स्थानीय ग्रामीणों को काम देने के बजाय बाहर से मजदूर लाए गए हैं, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। आरोप है कि प्रत्येक गड्ढे की खुदाई के लिए मिलने वाले 150 रुपये की राशि में भी गड़बड़ी की गई है, क्योंकि गड्ढे जेसीबी मशीन से खुदवाए गए, जबकि भुगतान मजदूरों के नाम पर दिखाया जा रहा है।कोरबा में 5 करोड़ के वृक्षारोपण पर उठे सवाल: पसान रेंज में ‘घोटाला’, सूखने लगे पौधे और मजदूरी में ‘डंडी’

सूखते पौधे और गुणवत्ता पर सवाल

कोरबा में 5 करोड़ के वृक्षारोपण पर उठे सवाल: पसान रेंज में 'घोटाला', सूखने लगे पौधे और मजदूरी में 'डंडी'

यह विडंबना ही है कि बरसात के शुरुआती दिनों में ही लगाए गए कई पौधे सूखने लगे हैं। यह वह समय होता है जब पौधों की जड़ें जमती हैं और उनका विकास होता है। ऐसे में पौधों का सूखना योजना की गुणवत्ता, पौधों की प्रजाति चयन और उनकी देखरेख में भारी लापरवाही को दर्शाता है। यह स्पष्ट संकेत है कि करोड़ों रुपये का यह प्रोजेक्ट सिर्फ कागजों पर ही हरा-भरा है, जमीन पर नहीं।कोरबा में 5 करोड़ के वृक्षारोपण पर उठे सवाल: पसान रेंज में ‘घोटाला’, सूखने लगे पौधे और मजदूरी में ‘डंडी’

जनप्रतिनिधियों ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग

जनपद सदस्य और सभापति वन विभाग ने इस पूरे मामले को गंभीर बताते हुए उच्चस्तरीय जांच और दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह सरकारी पैसों का सीधा दुरुपयोग है, जहां न मजदूरों को पूरा हक मिल रहा है और न ही पर्यावरण को लाभ। उन्होंने प्रशासन से तत्काल संज्ञान लेने और मामले की निष्पक्ष जांच कराने की अपील की है।कोरबा में 5 करोड़ के वृक्षारोपण पर उठे सवाल: पसान रेंज में ‘घोटाला’, सूखने लगे पौधे और मजदूरी में ‘डंडी’

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