- सुमेर-लांपी गांव बीच सड़क जर्जर, राहगीरों को परेशानी
- स्टेट हाइवे निर्माण में वन भूमि की अड़चन एनओसी के अभाव एक साल से अटका कार्य
NCG News desk Rajsthan:-
ग्राउंड रिपोर्ट
देसूरी। राजस्थान देसूरी से जोजावर की तरफ जाने वाले स्टेट हाइवे में सुमेर के निकट कुम्भलगढ़ अभयारण्य के देसूरी रेंज का वन क्षेत्र आने के कारण करीब एक किलोमीटर सड़क का कार्य एक साल से रुका पड़ा है। वर्षो पहले बनी डामरीकृत सड़क अब पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। इससे बारिश के मौसम में क्षतिग्रस्त सड़क से होकर गुजरने वाले राहगीरों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस सड़क का कार्य वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही शुरू हो पाएगा
क्षतिपूर्ति के लिए भूमि देने के बावजूद भी वन विभाग से एनओसी जारी नहीं हो पाई है। सुमेर ग्राम पंचायत के सरपंच सोहनलाल जांगिड़ ने बताया कि देसूरी – जोजावर तक राज्य सरकार से वित्तीय स्वीकृति होने के बाद स्टेट हाइवे का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। ठेकेदार ने सड़क का निर्माण कार्य भी कर दिया, लेकिन लांपी सुमेर गांव के बीच एक किलोमीटर तक का सड़क निर्माण कार्य कुम्भलगढ़ अभयारण्य के बीच से गुजरने के कारण नहीं बन पाया। वन विभाग से एनओसी मिलने के बाद ही निर्माण कार्य हो पाएगा।
क्षतिपूर्ति के लिए ग्राम पंचायत ने दी भूमि
सड़क निर्माण के लिए ग्राम पंचायत सुमेर ने खसरा नंबर 327 में से वन विभाग को क्षतिपूर्ति के लिए 1.68 हैक्टर भूमि दी थी, लेकिन उक्त खसरे में कुछ हिस्से में अतिक्रमण होने के कारण वन विभाग ने मंजूर नहीं किया। इसके बाद ग्राम पंचायत ने दूसरी भूमि उपलब्ध करवा दी। इसका तहसील से संशोधित म्यूटेशन भी हो गया। अब पीडब्ल्यूडी ने वन विभाग से एनओसी जारी करने के लिए डॉक्यूमेंट भेजे हैं। एनओसी जारी नहीं होने के बाद ही ठेकेदार कार्य कर पाएगा।
इनका कहना है
सुमेर में वन क्षेत्र होने के कारण सड़क निर्माण का कार्य रुका हुआ है वन विभाग को क्षतिपूर्ति के लिए अतिक्रमण मुक्त संशोधित भूमि भी दे दी। वन विभाग से एनओसी नहीं मिलने के कारण कार्य रुका हुआ है। एक किलोमीटर से ज्यादा सड़क पूरी क्षतिग्रस्त हो चुकी है। राहगीरों को परेशानी हो रही है। पीडब्ल्यूडी व वन विभाग की लापरवाही से कार्य रुका हुआ है।
–सोहनलाल जांगिड, सरपंच, ग्राम पंचायत सुमेर
सड़क का कार्य लंबे समय से रुका हुआ है। एक किलोमीटर तक सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है। उपखंड मुख्यालय तक आने में ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। श्रावण मास में सुमेर महादेव मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को भी कीचड़ व जर्जर सड़क से सफर करना पड़ता है।
-प्रदीपसिंह सोलंकी, अध्यक्ष, वकील मण्डल, देसूरी
ग्राम पंचायत ने क्षतिपूर्ति के लिए अतिक्रमण संशोधित भूमि वन विभाग को दे दी है। रेंज कार्यालय से एनओसी के लिए प्रस्ताव भेज दिया। पीडब्ल्यूडी ने ऑनलाइन माध्यम से वन विभाग को जो दस्तावेज भेजे उसमें खसरा वाइज केलकुलेशन व नक्शा की कमी है।
-अरविंदसिंह झाला, रेंजर, कुम्भलगढ़ अभयारण्य, रेंज देसूरी
एनओसी के सम्बंध में उच्च स्तर पर बात की, जिसमें ईडीएस सम्बंधित समस्या बताई गई है। इसके समाधान के लिए प्रयास कर रहे हैं।
-राजेन्द्र चौधरी, जेईएन पीडब्ल्यूडी, देसूरी
रास्ता खस्ताहाल, नए वाहन बन रहे खटारा
यहां पूर्व में बनी सिंगल पटरी सड़क भी पूरी तरह खस्ताहाल हो चुकी है। जोजावर व देसूरी को जोड़ने वाले स्टेट हाइवे में सुमेर-लांपी गांव के बीच की यह एक किलोमीटर सड़क दर्द दे रही है। सुमेर-लांपी गांव बीच सड़क जर्जर
यह सड़क मार्ग सुमेर, बागोल, मगरतलाव, पनोता, सांसरी ग्राम पंचायत को देसूरी उपखण्ड मुख्यालय से जोड़ता है। सड़क में बड़े गड्ढे बन गए हैं। जिसमें पानी का बारिश जमा हो रहा है। इस सड़क से गुजरने वाले वाहन भी खटारा बनतेजा रहे हैं।सुमेर-लांपी गांव बीच सड़क जर्जर