रामगढ़ पहाड़ विवाद: भाजपा ने बनाई अध्ययन समिति, पूर्व डिप्टी सीएम के आरोपों की होगी पड़ताल

रामगढ़ पहाड़ विवाद: भाजपा ने बनाई अध्ययन समिति, पूर्व डिप्टी सीएम के आरोपों की होगी पड़ताल, सरगुजा के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व वाले रामगढ़ पहाड़ (Ramgarh Pahad) को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव द्वारा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को लिखे गए पत्र के बाद, भाजपा ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय अध्ययन समिति का गठन किया है।
तीन सदस्यीय समिति का गठन: शिवरतन शर्मा करेंगे अगुवाई
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर, इस महत्वपूर्ण मामले की पड़ताल के लिए पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा को समिति का संयोजक नियुक्त किया गया है। उनके साथ विधायक रेणुका सिंह और भाजपा प्रदेश महामंत्री अखिलेश सोनी सदस्य के रूप में इस समिति में शामिल हैं।रामगढ़ पहाड़ विवाद
7 दिन में सौंपी जाएगी रिपोर्ट, कोल खनन के आरोपों की होगी जांच
यह तीन सदस्यीय समिति अगले 7 दिनों के भीतर रामगढ़ पहाड़ से जुड़े सभी तथ्यों का गहन अध्ययन करेगी। अध्ययन के बाद, समिति अपनी विस्तृत रिपोर्ट भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव को सौंपेगी। समिति का मुख्य कार्य पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के इन आरोपों की जांच करना होगा कि पर्वत पर हो रहे कोल खनन के कारण उसमें दरारें आ रही हैं।रामगढ़ पहाड़ विवाद
रामगढ़ पहाड़: धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र
रामगढ़ पर्वत छत्तीसगढ़ के सरगुजा क्षेत्र में केवल एक प्राकृतिक संरचना नहीं, बल्कि धार्मिक आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। इसे भगवान श्रीराम, माता जानकी और लक्ष्मण के वनवास काल की कथाओं से जुड़ा हुआ स्थल माना जाता है, जिससे इसकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्ता और भी बढ़ जाती है।रामगढ़ पहाड़ विवाद
पर्यटन मंत्री के आने के बाद चर्चा में आया मुद्दा
रामगढ़ पहाड़ का मुद्दा तब अधिक चर्चा में आया, जब अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल ने राज्य के पर्यटन मंत्री का पदभार संभाला। अब भाजपा की नवगठित अध्ययन समिति इस पूरे मामले की तह तक जाकर तथ्यात्मक जानकारी जुटाएगी और पार्टी नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिससे इस संवेदनशील मुद्दे पर आगे की कार्रवाई तय की जा सके।रामगढ़ पहाड़ विवाद









