रणदीप हुड्डा: कभी पेट भरने के लिए धोईं कारें और चलाई टैक्सी, आज किरदारों के लिए दांव पर लगा देते हैं जान

मुंबई। रणदीप हुड्डा: कभी पेट भरने के लिए धोईं कारें और चलाई टैक्सी, आज किरदारों के लिए दांव पर लगा देते हैं जान, बॉलीवुड में जब भी किरदारों में ढल जाने वाले अभिनेताओं की बात होती है, तो रणदीप हुड्डा का नाम सबसे पहले आता है। ‘सरबजीत’ के कमजोर कैदी से लेकर ‘जाट’ के खतरनाक विलेन तक, रणदीप ने हर किरदार को सिर्फ निभाया नहीं, बल्कि जिया है। आज सुपरस्टार का दर्जा हासिल कर चुके इस अभिनेता का सफर बेहद प्रेरणादायक और संघर्षों से भरा रहा है। एक समय था जब उन्हें अपना खर्च चलाने के लिए ऑस्ट्रेलिया में रेस्टोरेंट में काम करने से लेकर कारें धोने और टैक्सी चलाने तक का काम करना पड़ा था।
ऑस्ट्रेलिया में संघर्ष भरे दिन
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हरियाणा के रोहतक में 20 अगस्त 1976 को जन्मे रणदीप हुड्डा पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न गए थे। वहां उन्होंने ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। लेकिन विदेश में रहना आसान नहीं था। अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्होंने वहां एक चीनी रेस्टोरेंट में काम किया, कारें धोईं और अपनी रोजी-रोटी के लिए टैक्सी भी चलाई। यह संघर्ष ही था जिसने उन्हें जिंदगी को करीब से देखने और मजबूत बनने में मदद की।रणदीप हुड्डा: कभी पेट भरने के लिए धोईं कारें और चलाई टैक्सी
भारत लौटकर उन्होंने मॉडलिंग और थिएटर की दुनिया में कदम रखा और नसीरुद्दीन शाह के मशहूर ‘मोटली थिएटर ग्रुप’ का हिस्सा बने। साल 2001 में उन्हें मीरा नायर की फिल्म ‘मॉनसून वेडिंग’ से बॉलीवुड में पहला ब्रेक मिला, लेकिन असली पहचान 2010 में आई ‘वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई’ से मिली, जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।रणदीप हुड्डा: कभी पेट भरने के लिए धोईं कारें और चलाई टैक्सी
किरदारों के लिए जब पार कीं सारी हदें
रणदीप हुड्डा अपने किरदारों के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए जाने जाते हैं। उनके बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन देखकर दर्शक और क्रिटिक्स भी हैरान रह जाते हैं।रणदीप हुड्डा: कभी पेट भरने के लिए धोईं कारें और चलाई टैक्सी
स्वतंत्र वीर सावरकर (2024): यह फिल्म न केवल उनके निर्देशन की पहली फिल्म थी, बल्कि उनके समर्पण का शिखर भी थी। सावरकर के किरदार के लिए उन्होंने 26 किलो वजन घटाया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने चार महीनों तक दिन में सिर्फ 1 खजूर और 1 गिलास दूध पीकर यह अविश्वसनीय ट्रांसफॉर्मेशन किया था। इस दौरान वे इतने कमजोर हो गए थे कि घोड़े से गिरकर घायल भी हो गए थे।
सरबजीत (2016): पाकिस्तान की जेल में बंद सरबजीत सिंह का दर्द पर्दे पर उतारने के लिए रणदीप ने 20 किलोग्राम वजन कम किया था। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, “मैं भुखमरी और कैद का अनुभव करना चाहता था।”
जाट (रणतुंगा): इसी साल आई फिल्म ‘जाट’ में खूंखार विलेन ‘रणतुंगा’ के किरदार के लिए उन्होंने 8 किलो वजन बढ़ाया, बाल लंबे किए और अपनी आवाज तक को भारी बना लिया।
दो लफ्जों की कहानी (2016): इस फिल्म में एक एमएमए फाइटर की भूमिका के लिए उन्होंने अपना वजन 77 किलो से बढ़ाकर 94 किलो कर लिया था और जबरदस्त मसल्स बनाए थे।
परिवार हो गया था परेशान
रणदीप के इस जुनून से उनका परिवार अक्सर चिंतित रहता है। उनकी बहन डॉ. अंजलि हुड्डा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि ‘सावरकर’ के लिए वजन घटाने के दौरान उनके पिता (जो खुद एक सर्जन हैं) बहुत नाराज थे और मां उन्हें ‘हड्डियों का ढांचा’ बना देख रोने लगती थीं। रणदीप खुद मानते हैं कि हर बार उनके माता-पिता उनसे दोबारा ऐसा न करने का वादा लेते हैं, लेकिन किरदार का जुनून उन्हें फिर खींच लेता है।रणदीप हुड्डा: कभी पेट भरने के लिए धोईं कारें और चलाई टैक्सी
नवंबर 2023 में रणदीप ने मणिपुरी अभिनेत्री लिन लैशराम से शादी कर अपने जीवन की नई पारी की शुरुआत की है। उनका यह सफर साबित करता है कि सच्ची लगन और मेहनत से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।रणदीप हुड्डा: कभी पेट भरने के लिए धोईं कारें और चलाई टैक्सी









