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तहसीलदार के पद पर रहते हुए मांगी थी आठ हजार रुपए की घूस
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सात साल पहले घूस मांगने के मामले में आरएएस गिरफ्तार
जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने सोमवार को एक ऐसे आरएएस अधिकारी को गिरफ्तार किया है, जिसने सात साल पहले तहसीलदार के पद पर रहते हुए आठ हजार रुपए की घूस मांगी थी। अलवर एसीबी ने सोमवार को देवस्थान विभाग के एडिशनल कमिश्नर (आरएएस) आलोक रंजन को गिरफ्तार कर लिया। एसीबी की टीम ने आरोपी को कोर्ट से जारी गिरफ्तारी वारंट की पालना में गिरफ्तार किया है। आरोपी को जयपुर के मेरी गोल्ड पब्लिक स्कूल एसटीसी- बीएड कॉलेज बड़ पीपली सीकर रोड से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। आरोपी के खिलाफ वर्ष 2017 में रिश्वत लेने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था। जांच में आरोप सही पाए गए।
यह था मामला
19 जुलाई 2017 को परिवादी चन्दर सिंह निवासी तिजारा ने एसीबी चौकी अलवर को शिकायत दी कि उसके पिता की ओर से खरीदी गई जमीन के वसीयतनामा के आधार पर मेरे बेटे एवं मेरे भाइयों के पुत्र के नाम इन्तकाल का तहसीलदार तिजारा से निर्णय कराने की एवज में तहसीलदार व उसके कार्यालय के सहायक कार्यालय अधीक्षक रिश्वत की मांग कर रहे हैं। इस पर एसीबी चौकी अलवर ने 19 जुलाई 2017 को रिश्वत मांग का सत्यापन किया गया। सत्यापन में आरोपी और तहसीलदार आकाश रंजन के नाम से आठ हजार रुपए की रिश्वत मांगना सही पाया गया। 20 जुलाई 2017 को ट्रेप के समय आरोपी दलाल मानसिंह की शर्ट की जेब से घूस के आठ हजार रुपए बरामद कर लिए। मौके से आरोपी मानसिंह दलाल व आरोपी राधेश्याम मौर्य हाल सहायक कार्यालय अधीक्षक तहसील तिजारा को गिरफ्तार कर लिया।
फोन से बात कराई थी बात
आरोपी आकाश रंजन से रिश्वत के संबंध में आरोपी राधेश्याम मौर्य की मोबाइल फोन से बात कराई। आरोपी आकाश रंजन तत्कालीन तहसीलदार का रिश्वत मांगने एवं प्राप्त करने में शामिल पाया गया। आकाश रंजन को ट्रेप कार्रवाई की भनक लग गई और वह फरार हो गया। आरोपी आकाश रंजन तत्कालीन तहसीलदार तिजारा हाल सहायक आयुक्त देवस्थान विभाग जयपुर के विरुद्ध आरोप सही पाए गए।
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