सड़क हादसों पर लगेगी लगाम: रायपुर, दुर्ग-भिलाई और कोरबा के हाईवे बनेंगे हाईटेक, ‘तीसरी आंख’ से होगी निगरानी

सड़क हादसों पर लगेगी लगाम: रायपुर, दुर्ग-भिलाई और कोरबा के हाईवे बनेंगे हाईटेक, ‘तीसरी आंख’ से होगी निगरानी
रायपुर। दुर्ग-भिलाई और कोरबा के हाईवे बनेंगे हाईटेक, छत्तीसगढ़ में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों पर अंकुश लगाने और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नकेल कसने के लिए एक बड़ी पहल की जा रही है। केंद्र सरकार की विशेष योजना के तहत राज्य के सबसे ज्यादा दुर्घटना संभावित राजमार्गों को हाईटेक इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) से लैस किया जाएगा। इस योजना के पहले चरण में रायपुर, दुर्ग-भिलाई और कोरबा के राजमार्गों को चुना गया है, जहां सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
क्यों पड़ी इस हाईटेक सिस्टम की जरूरत?
छत्तीसगढ़ में सड़क सुरक्षा एक गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है। पिछले पांच वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य में 33,700 से अधिक लोगों ने सड़क हादसों में अपनी जान गंवाई है। इनमें से एक-तिहाई मौतें अकेले रायपुर, दुर्ग-भिलाई और कोरबा जिलों में हुई हैं। इन्हीं भयावह आंकड़ों को देखते हुए राज्य की नोडल एजेंसी ने इन तीनों जिलों के प्रमुख राजमार्गों पर हाईटेक कैमरे लगाने का प्रस्ताव तैयार किया था, जिसे केंद्र सरकार से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है।दुर्ग-भिलाई और कोरबा के हाईवे बनेंगे हाईटेक,
यह योजना केंद्र सरकार की उस पहल का हिस्सा है, जिसके तहत देश के उन 132 शहरों और जिलों को चुना गया है, जहां 2011 की जनगणना के अनुसार आबादी पांच लाख से अधिक है या जहां सड़क हादसों की दर बहुत ज्यादा है।दुर्ग-भिलाई और कोरबा के हाईवे बनेंगे हाईटेक,
कैसे काम करेगा इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS)?
इस सिस्टम के तहत चिन्हित राजमार्गों और उनसे सटे सर्विस रोड पर हाई-डेफिनिशन कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे 24 घंटे ट्रैफिक पर नजर रखेंगे।दुर्ग-भिलाई और कोरबा के हाईवे बनेंगे हाईटेक,
ओवर-स्पीडिंग पर नजर: तय गति सीमा से तेज वाहन चलाने पर कैमरा वाहन का नंबर प्लेट स्कैन कर लेगा।
गलत दिशा में ड्राइविंग: रॉन्ग साइड या गलत दिशा से आने वाले वाहनों की पहचान की जाएगी।
ऑटोमैटिक ई-चालान: नियम तोड़ने पर वाहन चालक के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ईमेल पर सीधा ई-चालान भेजा जाएगा।
इन जगहों पर रहेगी कैमरों की पैनी नजर
ट्रैफिक एआईजी संजय शर्मा के अनुसार, फेस-2 के तहत रायपुर, दुर्ग-भिलाई और कोरबा में 118 ऐसे स्थानों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें “एक्सीडेंट ब्लैक स्पॉट” माना जाता है। कैमरे लगाने के लिए इन्हीं जगहों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां हादसों का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसका मुख्य उद्देश्य मानव हस्तक्षेप के बिना ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन करवाना है।दुर्ग-भिलाई और कोरबा के हाईवे बनेंगे हाईटेक,
क्या होंगे फायदे और कैसे रुकेगी दुर्घटनाएं?
पुलिस की 24 घंटे तैनाती हर दुर्घटना संभावित जगह पर संभव नहीं है। ये कैमरे इस कमी को पूरा करेंगे और चौबीसों घंटे निगरानी सुनिश्चित करेंगे।दुर्ग-भिलाई और कोरबा के हाईवे बनेंगे हाईटेक,
गलती की सटीक पहचान: हादसे की स्थिति में, फुटेज के जरिए यह पता लगाना आसान होगा कि गलती किस वाहन चालक की थी, जिससे सही कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।
डर से सुधरेगा व्यवहार: कैमरे की मौजूदगी और चालान के डर से वाहन चालक खुद ही सावधानी बरतेंगे, गति सीमा का पालन करेंगे और गलत दिशा में चलने से बचेंगे।
हादसों में कमी: उम्मीद है कि इस प्रणाली के लागू होने से सड़क हादसों और उनमें होने वाली मौतों की संख्या में भारी कमी आएगी।
यह हाईटेक पहल न केवल ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारेगी, बल्कि अनगिनत जिंदगियों को बचाने में भी मील का पत्थर साबित हो सकती है।दुर्ग-भिलाई और कोरबा के हाईवे बनेंगे हाईटेक,









