जन सूचना अधिकारी की नियुक्ति में लापरवाही
कोरबा जिला खनिज संस्थान न्यास (DMF) में सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) के तहत जन सूचना अधिकारी (PIO) की नियुक्ति नहीं की गई है, जो अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन है। इसके परिणामस्वरूप, RTI आवेदनों को बिना उचित सुनवाई के निरस्त किया जा रहा है, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही पर प्रश्नचिह्न लग रहे हैं। कोरबा जिला खनिज न्यास में RTI उल्लंघन और आर्थिक अनियमितताओं के गंभीर आरोप
आर्थिक अनियमितताओं के आरोप
DMF में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 तक न्यास को लगभग 4000 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई, और वर्तमान वित्तीय वर्ष में लगभग 500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि की उम्मीद है। इसके बावजूद, वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता की कमी और ऑडिट प्रक्रियाओं में लापरवाही के आरोप लगाए गए हैं। कोरबा जिला खनिज न्यास में RTI उल्लंघन और आर्थिक अनियमितताओं के गंभीर आरोप
RTI आवेदनों का निरस्तिकरण और प्रक्रिया में खामियां
RTI आवेदकों ने शिकायत की है कि उनके आवेदन बिना उचित कारण बताए निरस्त किए जा रहे हैं। अधिनियम की धारा 6(1)(ख) की गलत व्याख्या करते हुए, जन सूचना अधिकारी और अपीलीय अधिकारी द्वारा आवेदनों को बिना सुनवाई के नस्तीबद्ध किया जा रहा है। यह प्रक्रिया RTI अधिनियम के उद्देश्यों के विपरीत है और सूचना के अधिकार को बाधित करती है। कोरबा जिला खनिज न्यास में RTI उल्लंघन और आर्थिक अनियमितताओं के गंभीर आरोप
उच्च न्यायालय की सख्त कार्रवाई
इन अनियमितताओं के मद्देनजर, बिलासपुर उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार और सीबीआई से जवाब तलब किया है। न्यायालय ने तीन सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, जिससे मामले की गंभीरता स्पष्ट होती है। कोरबा जिला खनिज न्यास में RTI उल्लंघन और आर्थिक अनियमितताओं के गंभीर आरोप