Saraswati Puja 2025: इन शुभ योग में करें सरस्वती पूजा, मिलेगी विद्या, यश और समृद्धि
नई दिल्ली। वसंत पंचमी 2025 का पर्व इस साल 2 फरवरी को मनाया जा रहा है। यह दिन मां सरस्वती की आराधना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में सरस्वती पूजा को ज्ञान, विद्या, बुद्धि और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित एक महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। इस शुभ अवसर पर कई विशेष योग भी बन रहे हैं, जो पूजा-पाठ और शुभ कार्यों के लिए अत्यंत फलदायी होंगे। आइए जानते हैं सरस्वती पूजा 2025 की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
सरस्वती पूजा 2025: शुभ योग और मुहूर्त
इस साल सरस्वती पूजा पर कई शुभ योगों का संयोग बन रहा है, जो इसे और भी खास बना रहे हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन निम्नलिखित शुभ मुहूर्त रहेंगे:
सर्वार्थ सिद्धि योग – सुबह 07:09 AM से अगले दिन 12:52 AM तक।
अमृत काल – रात 08:24 PM से 09:53 PM तक।
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:13 PM से 12:57 PM तक।
विजय मुहूर्त – दोपहर 02:24 PM से 03:07 PM तक।
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05:55 PM से 06:21 PM तक।
इन शुभ मुहूर्तों में पूजा करने से विद्या, बुद्धि और समृद्धि का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा।
सरस्वती पूजा विधि: ऐसे करें मां सरस्वती की आराधना
सरस्वती पूजा का यह पावन अवसर शुभ फल देने वाला होता है। सही विधि से पूजा करने पर विद्या, ज्ञान, यश और सफलता का आशीर्वाद मिलता है।
🔹 सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद पीले वस्त्र धारण करें।
🔹 एक स्वच्छ वेदी पर मां सरस्वती की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
🔹 देसी घी का दीपक जलाएं और रोली-कुमकुम का तिलक करें।
🔹 मां सरस्वती को पीले फूलों की माला, हल्दी, केसर, शहद और बूंदी के लड्डू अर्पित करें।
🔹 विद्या और सफलता के लिए मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करें।
🔹 पूजा के अंत में विधिवत आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
नोट: इस दिन तामसिक भोजन और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
सरस्वती पूजा के प्रमुख मंत्र
मां सरस्वती की कृपा पाने के लिए निम्नलिखित मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
🔹 ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वाग्देव्यै सरस्वत्यै नमः।।
🔹 ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय, हाथ जोड़ अरजी करूं, विद्या वर दे मोय।।
🔹 ॐ अर्हं मुख कमल वासिनी पापात्म क्षयम् कारी वद वद वाग्वादिनी सरस्वती ऐं ह्रीं नमः स्वाहा।।
इन मंत्रों का नियमित जाप करने से विद्या, कला और संगीत में उन्नति होती है।
सरस्वती पूजा 2025: इस दिन क्यों होती है खास?
- वसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
- इस दिन शिक्षा, संगीत, कला और लेखन से जुड़े लोग मां सरस्वती की पूजा करते हैं।
- विद्यार्थियों और विद्वानों के लिए यह दिन विद्या और ज्ञान प्राप्ति के लिए अति शुभ होता है।
- इस दिन पीले रंग के वस्त्र और भोजन को विशेष महत्व दिया जाता है, क्योंकि यह रंग समृद्धि और ऊर्जा का प्रतीक है।
Saraswati Puja 2025 का यह पावन पर्व ज्ञान, बुद्धि और सफलता प्राप्त करने का उत्तम अवसर है। इस दिन शुभ मुहूर्त में विधिवत पूजा करने से मां सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है। यदि आप इस दिन मां सरस्वती की आराधना करेंगे, तो आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे और हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी।