ग्रामीणों के श्रमदान का पैसा सरपंच-सचिव ने डकारा, इंजीनियर की लापरवाही पर जांच
चितविश्रामपुर के फूल झेरवा नाले के बांध मरम्मत में 50 हजार की लागत 2.5 लाख दिखाने का मामला, एसडीएम ने जांच के निर्देश दिए

बलरामपुर : ग्रामीणों के श्रमदान का पैसा सरपंच-सचिव ने डकारा, इंजीनियर की लापरवाही पर जांच. बलरामपुर जिले के चितविश्रामपुर में ग्रामीणों द्वारा श्रमदान और जन सहयोग से किए गए बांध मरम्मत कार्य का लाभ सरपंच और सचिव ने उठाने का मामला सामने आया है। शिकायत के अनुसार, मरम्मत कार्य 50 हजार रुपये में पूरा हुआ था, लेकिन संबंधित इंजीनियर ने उसी कार्य का मूल्यांकन 2 लाख 50 हजार रुपये कर दिया और राशि ग्राम पंचायत के खाते में दो किस्तों में भेज दी।
जिले के एसडीएम ने बताया कि मामले की जांच की जाएगी और संबंधित अधिकारियों व सरपंच-सचिव को नोटिस जारी कर तलब किया जाएगा।ग्रामीणों के श्रमदान का पैसा सरपंच-सचिव ने डकारा
घटना जुलाई-अगस्त 2025 के बीच हुई थी, जब फूल झेरवा नाले पर बना बांध क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके कारण नाले का पानी ग्रामीणों के खेतों में घुस गया और धान की फसल को नुकसान का खतरा पैदा हुआ। ग्रामीणों ने सरकारी राहत में देरी के कारण 50 हजार रुपये चंदा इकट्ठा कर श्रमदान करते हुए बांध की मरम्मत कराई।ग्रामीणों के श्रमदान का पैसा सरपंच-सचिव ने डकारा
स्थानीय युवाओं ने जांच के बाद पाया कि मरम्मत के नाम पर सरपंच और सचिव ने बिना पंचायत प्रस्ताव के बांध की तस्वीरें जियो-टैग कर 2 लाख 50 हजार रुपये आहरित कर लिए। ग्रामसभा की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि चंदा इकट्ठा करने वाली राशि ग्रामीणों को वापस की जाए, लेकिन कुछ ग्रामीणों को अब तक उनका हिस्सा नहीं मिला।ग्रामीणों के श्रमदान का पैसा सरपंच-सचिव ने डकारा
जांच में यह भी सामने आया कि मरम्मत कार्य का मूल्यांकन करने वाले इंजीनियर की लापरवाही के कारण लागत 5 गुना बढ़ा दिखाई गई। अधिकारियों ने इस पर आश्चर्य जताया और कहा कि विभागीय स्तर पर इसे गंभीरता से देखा जाएगा।ग्रामीणों के श्रमदान का पैसा सरपंच-सचिव ने डकारा
एसडीएम बलरामपुर ने कहा, “मामले की पूरी जांच कर संबंधितों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।” ग्रामीण अब इस जांच के आधार पर न्याय मिलने की उम्मीद लगाए हुए हैं।ग्रामीणों के श्रमदान का पैसा सरपंच-सचिव ने डकारा









