भिलाई (छत्तीसगढ़) – ग्राम पंचायत पतोरा की युवा सरपंच अंजिता साहू, जिन्हें मार्च 2023 में वेस्ट वाटर मैनेजमेंट में उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रपति से सम्मानित किया गया था, अब उसी कार्य में गड़बड़ी के चलते अपनी सरपंची गंवा चुकी हैं। साथ ही, उन्हें आगामी 6 वर्षों तक चुनाव लड़ने से भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। राष्ट्रपति से सम्मानित सरपंच की कुर्सी गई, गड़बड़ी के चलते 6 साल का चुनाव प्रतिबंध
FSTT संचालन में गड़बड़ी का आरोप सही पाया गया
पाटन एसडीएम द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट हुआ है कि अंजिता साहू पर फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (FSTT) के संचालन और आय-व्यय में गड़बड़ी के आरोप साबित हुए हैं। मार्च 2023 में यह प्लांट वाटर एड इंडिया द्वारा पंचायत को सौंपा गया था। पंचायत ने इसे चलाने का प्रस्ताव तो पारित किया, लेकिन इसका रिकॉर्ड सही ढंग से मेंटेन नहीं किया गया। राष्ट्रपति से सम्मानित सरपंच की कुर्सी गई, गड़बड़ी के चलते 6 साल का चुनाव प्रतिबंध
रिकॉर्ड में गड़बड़ी के कारण कुर्सी गई
ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया कि सरपंच ने 24,000 रुपए पंचायत के खाते में जमा किए, लेकिन ग्रामसभा के रिकॉर्ड में इसका जिक्र नहीं था। रिकॉर्ड की इस कमी के चलते उनकी सरपंची खत्म कर दी गई। राष्ट्रपति से सम्मानित सरपंच की कुर्सी गई, गड़बड़ी के चलते 6 साल का चुनाव प्रतिबंध
स्वच्छ भारत मिशन में किए थे प्रशंसनीय कार्य
अंजिता साहू ने सरपंच के रूप में कई उल्लेखनीय कार्य किए थे, जिनकी सराहना देशभर में हुई:
- वेस्ट वाटर मैनेजमेंट: गंदे पानी का उपचार कर सिंचाई और खाद बनाने में उपयोग।
- सुरक्षा व्यवस्था: गांव में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना।
- ऊर्जा बचत: पंचायत भवन में सोलर पैनल का उपयोग।
- डिजिटल सेवाएं: जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र ऑनलाइन, दिव्यांग पेंशन वितरण ऑनलाइन।
- स्वच्छता प्रबंधन: सामुदायिक शौचालयों का निर्माण और ई-रिक्शा से कचरा संग्रहण।
- वाई-फाई सुविधा: पंचायत भवन में वाई-फाई की उपलब्धता। राष्ट्रपति से सम्मानित सरपंच की कुर्सी गई, गड़बड़ी के चलते 6 साल का चुनाव प्रतिबंध
राष्ट्रपति सम्मान और गड़बड़ी की सच्चाई
हालांकि, इन सभी प्रशंसनीय कार्यों के बावजूद आय-व्यय में पारदर्शिता की कमी ने उनकी कुर्सी छीन ली। यह मामला पंचायत प्रशासन में सुधार की जरूरत को उजागर करता है। राष्ट्रपति से सम्मानित सरपंच की कुर्सी गई, गड़बड़ी के चलते 6 साल का चुनाव प्रतिबंध