कोरबा: जिले के ग्राम पंचायत रजगामार में करोड़ों रुपए के गबन का मामला सामने आया है, जिसमें फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी राशि का गबन किया गया। इस मामले की जांच शुरू हो गई है और डिप्टी कमिश्नर संतोष सिंह ठाकुर ने 20 फरवरी को जनपद पंचायत कोरबा में पहुंचकर कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों की छानबीन की। उन्होंने कई दस्तावेज जप्त किए हैं, जिससे मामले में और बड़ा खुलासा होने की संभावना है।
कर्मचारियों की भूमिका पर संदेह ग्राम पंचायत रजगामार के सरपंच और सचिव के खिलाफ गबन की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि कांग्रेस शासन के दौरान यह फर्जी रिपोर्ट तैयार की गई थी, जिसमें रजगामार के सरपंच सचिव पर 1 करोड़ 56 लाख रुपए की शासकीय राशि के गबन का आरोप लगाया गया था। हालांकि, आरोपों के बावजूद संबंधित उपसरपंच के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।
पूर्व सचिव ईश्वर लाल धिरहे की शिकायत पूर्व सचिव ईश्वर लाल धिरहे ने अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि मामले में अलग-अलग राशि का जिक्र किया गया है, जो अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। उन्होंने मामले की पूरी जांच की मांग की है और यह भी कहा कि पूर्व सचिव के कार्यकाल के दौरान भी राशि के अंतराल को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट का रुख पूर्व सचिव ने अपने बर्खास्तगी मामले में उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका दायर की है, जिसमें जिला पंचायत और जनपद पंचायत के सीईओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में उच्च न्यायालय ने तीनों अधिकारियों को नोटिस जारी किया है और छह सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है।
आगे की जांच इस मामले में जांच की प्रक्रिया जारी है, और जांच अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही बड़ा खुलासा हो सकता है। साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि संबंधित राशि का सही विवरण सामने आ सकता है। ग्राम पंचायत रजगामार में लाखों का घपला: डिप्टी कमिश्नर संतोष सिंह ठाकुर ने शुरू की छानबीन, रिकॉर्ड खंगाले