भिलाई में सुरक्षा चक्र: अवैध अप्रवासियों पर नकेल, BSP ठेका श्रमिकों का होगा हाई-टेक सत्यापन
अपराध नियंत्रण और पहचान सत्यापन की दिशा में बड़ा कदम
दुर्ग। दुर्ग जिले में पुलिस और जिला प्रशासन ने मिलकर अवैध रूप से निवासरत लोगों और संदिग्ध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए एक व्यापक अभियान की रूपरेखा तैयार की है। विशेष रूप से भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) और उससे जुड़े क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों की पहचान और उनके रिकॉर्ड को दुरुस्त करने पर जोर दिया जा रहा है।अवैध अप्रवासियों पर नकेल
उच्च-स्तरीय बैठक और महत्वपूर्ण निर्देश
इसी कड़ी में, शुक्रवार को पुलिस कंट्रोल रूम, सेक्टर 6, भिलाई में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में दुर्ग पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन, बीएसपी में कार्यरत श्रमिक ठेकेदारों, बीएसपी के सहायक उद्योगों के प्रतिनिधियों और ट्रांसपोर्टर संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए।
बैठक का मुख्य एजेंडा भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत सभी ठेका श्रमिकों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य करना था। सभी संबंधित पक्षों को इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया।अवैध अप्रवासियों पर नकेल
सत्यापन प्रक्रिया: फिंगरप्रिंट और क्यूआर कोड
बैठक में श्रमिकों के सत्यापन के लिए एक आधुनिक और प्रभावी प्रणाली अपनाने पर सहमति बनी:
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फिंगरप्रिंट डेटाबेस: सभी ठेका श्रमिकों का फिंगरप्रिंट रिकॉर्ड तैयार कर एक केंद्रीकृत डेटाबेस बनाया जाएगा।
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क्यूआर कोड युक्त गेट पास: भविष्य में जारी होने वाले सभी श्रमिकों के गेट पास क्यूआर कोड युक्त होंगे। इससे श्रमिकों का मौके पर ही त्वरित सत्यापन संभव हो सकेगा।
अभियान का उद्देश्य: अपराध पर अंकुश और सुरक्षा
इस पहल का मुख्य उद्देश्य अपराध की रोकथाम और क्षेत्र की सुरक्षा को मजबूत करना है:
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अपराधियों की पहचान: यदि भविष्य में कोई आपराधिक घटना घटित होती है, तो इस डेटाबेस और क्यूआर कोड प्रणाली के माध्यम से संदिग्धों की पहचान करना और उन्हें पकड़ना आसान होगा।
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अवैध निवासियों पर लगाम: यह कदम उन आपराधिक तत्वों की पहचान करने में भी सहायक होगा जो अपनी पहचान छिपाकर श्रमिक के रूप में अवैध तरीके से रह रहे हैं और काम कर रहे हैं। इससे ऐसे लोगों को ढूंढ निकालना और उनके खिलाफ कार्रवाई करना सुगम होगा।
जिला प्रशासन और पुलिस का यह संयुक्त प्रयास भिलाई औद्योगिक क्षेत्र में एक सुरक्षित और पारदर्शी कार्य वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।