रक्षक ही बना भक्षक! मुंबई का वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर ₹1 लाख की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार, स्कूल ट्रस्टी से मांगे थे ढाई लाख
मुंबई: मुंबई पुलिस की छवि को धूमिल करने वाला एक और मामला सामने आया है, जहाँ एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया। शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक, 57 वर्षीय बाबूराव मधुकर देशमुख को उनके ही पुलिस स्टेशन में एक लाख रुपये की रिश्वत स्वीकार करते हुए गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई एक शैक्षणिक ट्रस्ट के ट्रस्टी द्वारा की गई शिकायत के बाद हुई।रक्षक ही बना भक्षक!
क्या है पूरा मामला?
एसीबी के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता एक शैक्षणिक ट्रस्ट का ट्रस्टी है। आरोप है कि कुछ समय पहले, कुछ व्यक्तियों के एक समूह ने उनके स्कूल का गेट तोड़ दिया था और जबरन ट्रस्ट परिसर में घुसपैठ की थी। इस घटना के बाद ट्रस्टी ने शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन और चैरITY कमिश्नर के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी।रक्षक ही बना भक्षक!
आरोप है कि वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बाबूराव देशमुख ने इस मामले में शिकायतकर्ता की मदद करने और चैरिटी कमिश्नर कार्यालय से अंतिम आदेश आने तक स्कूल परिसर में किसी भी तरह के जबरन प्रवेश को रोकने का आश्वासन दिया। लेकिन इस “मदद” के एवज में देशमुख ने कथित तौर पर 3 लाख रुपये की भारी-भरकम रिश्वत की मांग कर डाली।रक्षक ही बना भक्षक!
मोलभाव के बाद ढाई लाख में तय हुआ सौदा
एसीबी के बयान के मुताबिक, काफी मोलभाव के बाद रिश्वत की रकम 2.5 लाख रुपये तय हुई। देशमुख को इसी तय राशि की पहली किस्त के रूप में एक लाख रुपये लेते हुए एसीबी की टीम ने जाल बिछाकर रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। एसीबी ने देशमुख को पकड़ने के लिए पूरी योजना बनाई थी और जैसे ही उन्होंने रिश्वत की रकम ली, उन्हें दबोच लिया गया।रक्षक ही बना भक्षक!
फिलहाल, एंटी करप्शन ब्यूरो ने वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बाबूराव देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस घटना ने एक बार फिर पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर जब रक्षक ही भक्षक की भूमिका में आ जाए।रक्षक ही बना भक्षक!