DFO रौनक गोयल और मनीष श्रीवास्तव के विवादित कार्यकाल पर सवाल
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। मरवाही वन मंडल में भ्रष्टाचार और नियमों की खुलेआम अनदेखी का मामला चर्चा में है। सूत्रों के अनुसार, यहां के कुछ अधिकारी नियमविरुद्ध फैसले लेकर अपने करीबी कर्मचारियों को ऊंचे पदों पर बैठा रहे हैं। वन विभाग में उप वन क्षेत्रपाल मनीष श्रीवास्तव को खोड़री परिक्षेत्र का प्रभारी बनाया गया है, जो पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है। सवाल यह उठता है कि DFO रौनक गोयल क्यों इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं और इन्हें संरक्षण दे रहे हैं। मरवाही वन मंडल: नियमों की अनदेखी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
मनीष श्रीवास्तव: छोटे पद पर बड़ा पावर
मनीष श्रीवास्तव, जो एक उप वन क्षेत्रपाल हैं, को खोड़री परिक्षेत्र का प्रभारी बनाकर तैनात किया गया है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि श्रीवास्तव के पास ऐसी कौन सी ‘चाबी’ है जो उन्हें इतनी ताकतवर बनाती है कि DFO और CCF अधिकारी तक इनके सामने झुक जाते हैं। मरवाही वन मंडल: नियमों की अनदेखी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
वयारलेस ऑपरेटर का स्टेनो बनना: बड़ा सवाल
सूत्रों के मुताबिक, वयारलेस ऑपरेटर पुरषोत्तम कश्यप को DFO रौनक गोयल ने स्टेनो के रूप में नियुक्त कर रखा है, जो नियमों का सीधा उल्लंघन है।
- कश्यप, जो मूलतः दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी हैं, पिछले 14 सालों से विभाग में बड़े गोपनीय काम संभाल रहे हैं।
- उन्होंने अपनी अवैध आय से करोड़ों रुपये की संपत्ति बनाई है, जिसमें टिकर कला बांधा मुडा में आलीशान मकान भी शामिल है। मरवाही वन मंडल: नियमों की अनदेखी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
वन विभाग में बढ़ते भ्रष्टाचार का कारण
मरवाही वन मंडल में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि नियमों की परवाह नहीं की जाती।
- स्थानीय कर्मचारी और अधिकारियों के बीच राजनीतिक समर्थन के चलते कोई कार्रवाई नहीं होती।
- “सबको खिलाओ और खुद भी गटक लो” की नीति से यह भ्रष्टाचार लगातार बढ़ रहा है। मरवाही वन मंडल: नियमों की अनदेखी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
मरवाही में कार्रवाई की मांग
स्थानीय लोगों और जागरूक नागरिकों ने सरकार और उच्च अधिकारियों से इस मामले की जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है। मरवाही वन मंडल में फैले इस भ्रष्टाचार और नियमों के उल्लंघन को खत्म करना समय की मांग है। मरवाही वन मंडल: नियमों की अनदेखी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप