नारायणपुर/छोटेडोंगर (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले से एक शर्मनाक तस्वीर सामने आई है, जहां आदिवासी बच्चों को अपनी पढ़ाई के लिए टॉयलेट में बैठकर अध्ययन करना पड़ रहा है। बच्चों के लिए बाथरूम को बेडरूम के रूप में इस्तेमाल करने की मजबूरी, और छात्राओं के नहाने की जगह में सीसीटीवी कैमरा लगाने की घटना ने समाज में आक्रोश फैला दिया है। घटना की जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। छत्तीसगढ़ के हॉस्टल में बच्चों की शर्मनाक स्थिति, टॉयलेट में पढ़ाई और बाथरूम में सीसीटीवी कैमरा
नारायणपुर के छोटेडोंगर का एकलव्य विद्यालय: बच्चों की कठिनाई
छोटेडोंगर स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के छात्रों को बाथरूम में सोने के लिए मजबूर किया जा रहा है। खासकर बालिकाओं के नहाने की जगह के पास सीसीटीवी कैमरा लगाने से विवाद गहरा गया है। समाजसेवी संगठनों ने इस घिनौनी हरकत के लिए विद्यालय के प्राचार्य के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है। सर्व आदिवासी समाज और आम आदमी पार्टी ने भी इस मामले में तत्काल कार्रवाई की अपील की है। छत्तीसगढ़ के हॉस्टल में बच्चों की शर्मनाक स्थिति, टॉयलेट में पढ़ाई और बाथरूम में सीसीटीवी कैमरा
विद्यालय के छात्रों की दर्दनाक स्थिति
छात्र धनेश्वर मांझी ने बताया कि पिछले छह वर्षों से इस विद्यालय में बाथरूम में सोने की समस्या बनी हुई है। बच्चों को बिस्तर की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है, और वे घर से कंबल लेकर आते हैं। वहीं, हॉस्टल वार्डन किशन ने बताया कि रूम की कमी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है, क्योंकि यहां एक साथ दो संस्थाओं के बच्चे रहते हैं – एकलव्य आदर्श विद्यालय के बालक और बालिका। छत्तीसगढ़ के हॉस्टल में बच्चों की शर्मनाक स्थिति, टॉयलेट में पढ़ाई और बाथरूम में सीसीटीवी कैमरा
समाज और प्रशासन की प्रतिक्रिया
सर्व आदिवासी समाज ने बच्चों को जल्द से जल्द उचित सुविधाएं देने और सीसीटीवी कैमरा हटाने की मांग की है। इस पर प्रशासन को तत्काल कार्रवाई का अल्टीमेटम भी दिया गया है। अगर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की जाती, तो समाज उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दे रहा है। छत्तीसगढ़ के हॉस्टल में बच्चों की शर्मनाक स्थिति, टॉयलेट में पढ़ाई और बाथरूम में सीसीटीवी कैमरा
जिला प्रशासन की जांच
घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास शाखा के नेतृत्व में टीम गठित की गई, जो छोटेडोंगर जाकर मामले की जांच करेगी। एडीएम वीरेंद्र बहादुर पंचभाई ने पुष्टि की कि जांच के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर बिपिन मांझी के निर्देश पर सहायक आयुक्त को जांच के लिए भेजा गया है। छत्तीसगढ़ के हॉस्टल में बच्चों की शर्मनाक स्थिति, टॉयलेट में पढ़ाई और बाथरूम में सीसीटीवी कैमरा
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (EMRS): उद्देश्य और स्थापना
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की स्थापना 1997-98 में की गई थी। ये विद्यालय विशेष रूप से अनुसूचित जनजाति (ST) के छात्रों को बेहतर शैक्षिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से बनाए गए थे। इन विद्यालयों का लक्ष्य छात्रों का समग्र विकास करना है, और ये राज्य सरकारों के अंतर्गत आते हैं, जिन्हें केंद्रीय सरकार द्वारा फंडिंग की जाती है। छत्तीसगढ़ के हॉस्टल में बच्चों की शर्मनाक स्थिति, टॉयलेट में पढ़ाई और बाथरूम में सीसीटीवी कैमरा