राजस्थान का एक गांव, जहां रहता है सिर्फ एक व्यक्ति, जानिए इस अजीबोगरीब गांव की पूरी कहानी
NCG News desk Rajsthan:-
राजस्थान। एक छोटे से गांव की आबादी कितनी हो सकती है। 100, 50 या 25 व्यक्ति….। क्या कोई ऐसा भी गांव होना संभव है जहां केवल एक व्यक्ति रहता हो। जी हां, सुनने या पढने में भले ही ये बात आपके गले नहीं उतर रही हो लेकिन भारत देश के राजस्थान राज्य के चूरू जिले में एक अजीबोगरीब गांव ऐसा है जहां की आबादी सिर्फ 1 है। जी हां आपने सही सुना, पूरे गांव की जनसंख्या केवल 01 है। सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज इस गांव का नाम है श्याम पांडिया। यह गांव नेठवा ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता है।
पूरे गांव में कोई मकान नहीं बल्कि सिर्फ एक मंदिर
वर्ष 2011 में इस रहस्यमयी गांव की भी जनगणना हुई थी। जनगणना के मुताबिक इस अजीबोगरीब गांव की आबादी सिर्फ एक व्यक्ति दर्शायी गई है। इस व्यक्ति का नाम है ज्ञानदास। इस गांव में एक भी मकान नहीं है। सिर्फ एक मंदिर है जिसका नाम श्याम पांडिया धाम। इस मंदिर के नाम से ही इस गांव का नाम सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज है। यह मंदिर 521 बीघा सरकारी जमीन के बीचो बीच एक 300 फीट ऊंचा टीला है जहां पर मंदिर बना हुआ है। पुजारी ज्ञानदास नियमित रूप से मंदिर में सुबह और शाम दोनों वक्त पूजा करते हैं।
कई सालों से गांव में रह रहा सिर्फ एक ही व्यक्ति
बताया जा रहा है कि यह मंदिर सैंकड़ों साल पुराना है। मंदिर के प्रति लोगों की आस्था है। हर साल भाद्रपद महीने की अमावस्या को यहां बड़ा मेला भरता है जिसमें सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं और मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं। पुजारी ज्ञानदास से पहले इस मंदिर में राकेश गिरी नाम का व्यक्ति पूजा अर्चना करता था। राकेश गिरी के निधन के बाद पूजा पाठ की जिम्मेदारी ज्ञानदास ने संभाली। पहले राकेश गिरी इस गांव के एकमात्र बाशिंदे थे और अब ज्ञानदास इस गांव के एकमात्र बाशिंदे हैं।
पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है यह गांव
इस अजीबोगरीब गांव को देखने के लिए हर साल सैंकड़ों सैलानी आते हैं। जो भी इस गांव के बारे में सुनता है, वह इसे देखने जरूर आते हैं। लोगों के लिए यह काफी हैरानजनक बात है कि प्रदेश में एक ऐसा भी गांव है जहां की आबादी सिर्फ एक व्यक्ति है। कुल 521 बीघा जमीन के इस गांव में मंदिर के अलावा कोई आवासीय जगह नहीं है। मात्र डेढ बीघा जमीन यहां आवास के लिए छोड़ रखी है। शेष भूमि पर पशुओं के चरने के लिए काम में आती है।