रायपुर में सरकारी बंगले पर BJP सांसद और SSP में ठनी, आवंटन को लेकर उठा विवाद
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक सरकारी बंगले को लेकर बीजेपी सांसद और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) के बीच जबरदस्त विवाद खड़ा हो गया है। यह बंगला पहले सांसद को आवंटित किया गया था, लेकिन बाद में राज्य सरकार ने इसे पुलिस अधिकारी को आवंटित कर दिया। मामला इतना गरमा गया कि सांसद ने बंगले पर अपना नाम लिखवाकर बोर्ड लगवा दिया, जबकि एसएसपी इसे नियमानुसार अपना बताते हैं। एसपी बंगला विवाद: बीजेपी सांसद और आईपीएस अधिकारी में टकराव
कैसे शुरू हुआ बंगले पर कब्जे का विवाद?
यह पूरा विवाद रायगढ़ के राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह और रायपुर के एसएसपी लाल उम्मेद सिंह के बीच हुआ है।
- अप्रैल 2024 में सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह को राज्यसभा में निर्वाचित होने के बाद रायपुर के सिविल लाइंस स्थित एक सरकारी बंगला आवंटित किया गया था।
- इसके बावजूद सांसद ने इस बंगले में रहना शुरू नहीं किया।
- हाल ही में आईपीएस लाल उम्मेद सिंह को रायपुर का वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) बनाया गया और सरकार ने यही बंगला उन्हें आवंटित कर दिया।
- एसएसपी ने इसमें रहने की तैयारी करते हुए मरम्मत कार्य शुरू कराया।
- जब यह खबर सांसद को मिली तो उन्होंने तुरंत वहां अपना नामपट्ट (नेमप्लेट) लगवाकर बंगले पर कब्जे का दावा कर दिया। एसपी बंगला विवाद: बीजेपी सांसद और आईपीएस अधिकारी में टकराव
दोनों पक्षों की दलीलें
✅ सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि बंगला पहले ही उन्हें आवंटित किया गया था और प्रोटोकॉल के तहत सांसद का दर्जा SSP से ऊपर होता है। इसलिए बंगला उन्हें ही मिलना चाहिए।
✅ एसएसपी लाल उम्मेद सिंह का कहना है कि बंगला उन्हें सरकारी नियमों के तहत आवंटित किया गया है और यदि कोई त्रुटि हुई है तो इसे सरकारी स्तर पर हल किया जाना चाहिए। एसपी बंगला विवाद: बीजेपी सांसद और आईपीएस अधिकारी में टकराव
अब क्या होगा?
चूंकि सांसद और एसएसपी दोनों ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के करीबी माने जाते हैं, इसलिए इस विवाद का हल अब मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से ही निकलने की संभावना है। चर्चा यह भी है कि सांसद बंगला छोड़ने के मूड में नहीं हैं, ऐसे में एसएसपी को नया आवास ढूंढना पड़ सकता है। एसपी बंगला विवाद: बीजेपी सांसद और आईपीएस अधिकारी में टकराव