
छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज, डिप्टी सीएम विजय शर्मा बोले- ‘छटपटाने की जरूरत नहीं’
छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज, छत्तीसगढ़ की साय सरकार में दो मंत्री पदों के खाली रहने को लेकर चल रही एक साल पुरानी चर्चाओं पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने विराम लगाने की कोशिश की है। उन्होंने साफ कहा है कि जब जरूरत होगी, मुख्यमंत्री इस पर फैसला लेंगे और इसे लेकर किसी को बेचैन होने की आवश्यकता नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों के व्यवहार और राज्य में घुसपैठ रोकने की नई योजना पर भी महत्वपूर्ण बयान दिए।
एक साल से खाली पड़े दो मंत्री पद, कब होगा फैसला?
रायपुर में पत्रकारों से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “सरकार और कामकाज सुचारू रूप से चल रहा है। कुछ पद तो हमेशा खाली रहते ही हैं। जब भी आवश्यकता महसूस होगी, माननीय मुख्यमंत्री इस पर निर्णय लेंगे। इसे लेकर इतनी छटपटाहट क्यों है?” बता दें कि साय सरकार में दो मंत्री पद खाली हैं, जिन्हें भरने को लेकर राजनीतिक गलियारों में लगातार चर्चा गर्म है।छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज
अफसरशाही पर सख्त सरकार: दुर्व्यवहार पर होगी सीधी कार्रवाई
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज द्वारा नारायणपुर में अधिकारियों पर जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा करने के आरोपों पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने दो टूक कहा कि अगर कोई भी अधिकारी, चाहे जनप्रतिनिधि हो या आम नागरिक, किसी के साथ भी दुर्व्यवहार करेगा तो उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह केवल राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि सरकार आम जनता के प्रति अधिकारियों के अनुचित व्यवहार को भी पूरी गंभीरता से लेगी।छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज
गांवों में घुसपैठ रोकने की नई तैयारी, बनेगी ‘पलायन पंजी’
गृहमंत्री शर्मा ने एक बड़ी जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार पंचायत स्तर पर बाहरी लोगों की घुसपैठ को रोकने के लिए एक नई व्यवस्था पर गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि पंचायतों में पहले से मौजूद 16 रजिस्टरों के अलावा एक नया रजिस्टर, जिसे ‘पलायन पंजी’ या ‘श्रमवीर पंजी’ कहा जा सकता है, लाने की योजना है। इस पंजी का उद्देश्य गांव में पहले से रह रहे लोगों और बाद में आकर बसने वाले लोगों का अलग-अलग रिकॉर्ड तैयार करना होगा, ताकि बाहरी और संदिग्ध लोगों की आसानी से पहचान की जा सके।छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज









