दुर्ग/पाटन – जनपद सदस्य खिलेश बबलु मारकंडे ने भाजपा सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ के किसान राजनीतिक हठधर्मिता का खामियाजा भुगत रहे हैं। राज्य में किसानों की समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान नहीं है, जबकि गौठानों का निर्माण बड़े पैमाने पर किया गया है।भाजपा सरकार की राजनीतिक हठ से परेशान छत्तीसगढ़ के किसान: जनपद सदस्य का बयान.
गौठानों की राजनीति और किसान की दिक्कतें
मारकंडे ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ सरकार जानबूझकर गौठानों को खोलने में आनाकानी कर रही है, क्योंकि ये गौठान पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में बने थे। सरकार के राजनीतिक लाभ की चिंता के कारण मवेशियों के लिए बनाए गए गौठानों में सुविधाएं उपलब्ध होने के बावजूद वे बंद पड़े हैं। इसके परिणामस्वरूप, लाखों मवेशी सड़क और खेतों में घूम रहे हैं, जिससे फसलों को भारी नुकसान हो रहा है और सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं।
किसानों की समस्याएं और सरकारी नाकामी
मारकंडे ने कहा कि वर्तमान सरकार ने सात महीनों में किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। किसानों की समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं और फसलों की सुरक्षा को लेकर कोई दिशा-निर्देश नहीं दिए जा रहे हैं। धान के पौधे बढ़ने लगे हैं, लेकिन अगर फसल चराई जाती है, तो फसल की वृद्धि प्रभावित हो सकती है। सरकार की इस उदासीनता के कारण किसान परेशान हैं और उन्हें अपने हालात पर ही छोड़ दिया गया है।
गौपालन योजना का असफल कार्यान्वयन
भूपेश बघेल सरकार द्वारा शुरू की गई गौठान योजना ने घुमंतू पशुओं से राहत दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया था, लेकिन वर्तमान सरकार इस दिशा में कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रही है। सरकार की नीतियों के चलते किसान और उनके खेत आज भी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जबकि राजनीतिक लाभ की चिंता से सरकार का ध्यान दूर हो गया है।