मोटर दुर्घटना मुआवजा मामले में सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया है कि किसी वाहन का मॉडल गलत बताए जाने मात्र से मोटर दुर्घटना मुआवजे के दावे को खारिज नहीं किया जा सकता। अदालत ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश को पलट दिया, जिसमें वाहन के नाम में अंतर के आधार पर दावा रद्द कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: वाहन मॉडल की गलत जानकारी पर भी मिलेगा मोटर दुर्घटना का मुआवजा…
मामले की पृष्ठभूमि
कर्नाटक के सिरसी में हुई एक मोटर दुर्घटना में परमेश्वर सुब्रय हेगड़े नामक व्यक्ति को गंभीर चोटें आई थीं। जिला न्यायालय ने उन्हें ₹40,000 का मुआवजा देने का आदेश दिया था, लेकिन कर्नाटक हाईकोर्ट ने वाहन के गलत मॉडल का हवाला देते हुए इस आदेश को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: वाहन मॉडल की गलत जानकारी पर भी मिलेगा मोटर दुर्घटना का मुआवजा…
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: वाहन मॉडल की गलत जानकारी से नहीं होगा दावा खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दुर्घटना में शामिल वाहन का पंजीकरण नंबर एक ही था और इस आधार पर दावे को खारिज करना अनुचित है। अदालत ने कहा कि वाहन के मेक में मामूली गलती से पीड़ित के अधिकारों पर असर नहीं पड़ना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: वाहन मॉडल की गलत जानकारी पर भी मिलेगा मोटर दुर्घटना का मुआवजा…
मुआवजा फिर से बहाल
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सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का आदेश रद्द करते हुए पीड़ित को ₹40,000 मुआवजा देने के आदेश को बहाल किया।
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हालांकि, 1380 दिनों की देरी के कारण अपीलकर्ता को ब्याज नहीं मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: वाहन मॉडल की गलत जानकारी पर भी मिलेगा मोटर दुर्घटना का मुआवजा…
सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय
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हाईकोर्ट के फैसले को खारिज किया गया।
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जिला न्यायालय द्वारा दिए गए मुआवजे को फिर से लागू किया गया।
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अपीलकर्ता को केवल देरी की अवधि छोड़कर मुआवजा ब्याज सहित मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: वाहन मॉडल की गलत जानकारी पर भी मिलेगा मोटर दुर्घटना का मुआवजा…
मामले का विवरण
केस का शीर्षक: परमेश्वर सुब्रे हेगड़े बनाम न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
एसएलपी संख्या: 27072/2024
निर्णय की तिथि: 10 फरवरी 2025 सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: वाहन मॉडल की गलत जानकारी पर भी मिलेगा मोटर दुर्घटना का मुआवजा…