NCG NEWS DESK Rajnandgaon :-
कहते है कि जितने रंग उतने तो इंद्रधनुष में भी नहीं होते। हर बार चुनाव में एक न एक ऐसा करैक्टर एंट्री लेता है जो कभी हंसी का पात्र बनता है तो कभी लोगों को हैरान करता है। नेता अपनी ओर आम जनता का ध्यान आकर्षित करने किसी भी हद तक चुनाव के वक्त जाते है। खासकर नए नवेले नेता। ऐसा ही कुछ अब राजनांदगांव में हुआ है।
यहां एक निर्दलीय प्रत्याशी अजय पाली राजनांदगांव लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल करने नींबू माला की अनोखे अंदाज में पहुंचे। उन्हें देख वहां मौजूद लोगों की नजर अजय पाली पर ही टिक गई। वे अपना नामांकन दाखिल करने बोल बम के नारे लिखे लाल कुर्ता पहनकर और गले में नींबू-मिर्ची की माला पहनकर पहुंचे थे।
बता दें कि, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यहां से कांग्रेस उम्मीदवार है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी से संतोष पांडे एक बार फिर इस लोकसभा के रण को जीतने कमर कस चुके हैं। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी भी इस सीट पर अपनी छाप छोड़ने के लिए अनोखे अंदाज में नामांकन दाखिल करने कवर्धा जिले के अजय पाली पहुंचे। वह कवर्धा में समोसा बेचने बेचने का काम करते है।
20 हजार वोटों से करूंगा जीत हासिल
निर्दलीय प्रत्याशी अजय पाली ने कहा कि, हम किसी शुभ काम की शुरुआत करते हैं तो लोगों की नजर से बचाने के लिए नींबू-मिर्ची लगते हैं इसी सोच को लेकर मैंने भी यहां नींबू और मिर्च की माला पहनी हुई है। अपना नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने के बाद भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशियों को मात देते हुए लगभग 20 हजार वोटों से अपनी जीत की बात कही है।
यह उनका 12वां चुनाव है, वह कई चुनावों में अपनी उम्मीदवारी निभा चुके हैं, लेकिन इस बार उन्हें उम्मीद है कि वह जीत जरूर हासिल करेंगे। वे जनता के बीच भी इसी तरह नींबू और मिर्च की माला लटका कर प्रचार-प्रसार में जाएंगे और उनका मुद्दा भुखमरी-बेरोजगारी होगा। राष्ट्रीय पार्टियों को मतदाता काफी मौका देते हैं। ऐसे में दूसरे निर्दलीय प्रत्याशियों को भी मौका मिलना चाहिए।
ये भी पढ़े ;-
- कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता सरकार को लगाई फटकार, कहा- संदेशखाली मामले का 1% सच भी शर्मनाक
- मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के कार्यो पर RES ने रोका भुगतान…ठेकेदारों ने दिया 3 दिन का अल्टीमेटम.. भुगतान नहीं होने पर लेंगे न्यायालय की शरण..
- मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के कार्यो पर RES ने रोका भुगतान…ठेकेदारों ने दिया 3 दिन का अल्टीमेटम.. भुगतान नहीं होने पर लेंगे न्यायालय की शरण..