छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड में भ्रष्टाचार का खुलासा: जांच रिपोर्टें गायब, अधिकारी प्रमोशन पाते रहे
घोटालों पर पर्दा डालने का प्रयास, अफसरों ने सबूत मिटाए
छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड में पिछले कई वर्षों से चले आ रहे हजारों करोड़ के घोटालों पर अब धीरे-धीरे परतें उठने लगी हैं। इन मामलों में जिन अधिकारियों को दोषी पाया गया था, वे आज भी प्रमोशन लेकर ऊंचे पदों पर बैठे हैं। इतना ही नहीं, जिन जांच रिपोर्टों में स्पष्ट अनुशंसा की गई थी कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, वे रिपोर्टें ही रहस्यमयी तरीके से गायब हो गई हैं।छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड में भ्रष्टाचार का खुलासा
जांच रिपोर्ट गायब, फाइल चोरी की FIR तक नहीं
तालपुरी समेत अन्य बड़े प्रोजेक्ट्स की फाइलें और जांच प्रतिवेदन अब विभाग से गायब बताए जा रहे हैं, लेकिन आज तक किसी अधिकारी ने थाने में इसकी एफआईआर तक दर्ज नहीं कराई। इससे यह स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचारियों को संरक्षण मिल रहा है।छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड में भ्रष्टाचार का खुलासा
विभागीय मिलीभगत से अफसरों को मिला प्रमोशन
भूपेश सरकार के कार्यकाल में कई बार ऐसे अफसरों को प्रमोशन मिला जिन्हें खुद उन्हीं प्रोजेक्ट्स का प्रमुख बनाया गया जहां से भ्रष्टाचार की शुरुआत हुई थी। यह पूरी तरह से विभागीय सेटिंग और ब्यूरोक्रेट्स की मिलीभगत को दर्शाता है।छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड में भ्रष्टाचार का खुलासा
जांच समितियों में भी संदेह के घेरे में अधिकारी
हाउसिंग बोर्ड द्वारा बनाई गई जांच समितियों में उन्हीं अधिकारियों को शामिल किया गया है जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं या जो पहले से इन प्रकरणों में संलिप्त रहे हैं। अगर जांच निष्पक्ष होनी होती तो बाहरी और स्वतंत्र अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाती।छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड में भ्रष्टाचार का खुलासा
जनता की मेहनत की कमाई पर डाका
तालपुरी, हिमालयन हाइट्स, और अभिलाषा परिसर जैसे प्रोजेक्ट्स में जनता की करीब 1500 करोड़ की रकम का दुरुपयोग हुआ है। जनता से रिश्ता ने RTI के माध्यम से दस्तावेज जुटाकर लोक आयोग, प्रधानमंत्री कार्यालय और अन्य उच्च संस्थानों को शिकायतें भेजी हैं।छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड में भ्रष्टाचार का खुलासा
लोक आयोग की कार्रवाई जारी, अफसर पेश नहीं हो रहे
लोक आयोग में इन घोटालों की जांच अंतिम चरण में है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि हाउसिंग बोर्ड के कमिश्नर को कई बार व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहा गया, फिर भी उन्होंने कभी हाजिरी नहीं दी। इससे साफ है कि जांच को प्रभावित करने की कोशिश जारी है।छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड में भ्रष्टाचार का खुलासा
नई पदस्थापनाएं भी सवालों के घेरे में
हाल ही में जिन अफसरों का तबादला किया गया है, उनमें कई वे नाम हैं जो पहले से ही इन घोटालों में संदेह के घेरे में थे:छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड में भ्रष्टाचार का खुलासा
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एच.के. जोशी: नवा रायपुर में नई पोस्टिंग
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अजीत सिंह पटेल: बिलासपुर भेजे गए
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एम.डी. पनारिया: दुर्ग में नई पदस्थापना
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एस.के. भगत: रायपुर में स्थानांतरित
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एच.के. वर्मा: नवा रायपुर में फिर से पदस्थ
जनता की आवाज बनी RTI और जनहित याचिकाएं
इन भ्रष्टाचारों को उजागर करने में RTI और जनहित याचिकाएं अहम साबित हुई हैं। जनता से रिश्ता जैसे संगठनों ने इन घोटालों के दस्तावेज इकट्ठा कर न्यायिक संस्थाओं तक पहुंचाए, जिससे जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ सकी।छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड में भ्रष्टाचार का खुलासा