बस्तर की भाग्य रेखा: केंद्र सरकार ने रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन को दी हरी झंडी, 3500 करोड़ से बदलेगी तस्वीर, दुर्ग से सीधे जुड़ेंगे पिछड़े जिले
नई दिल्ली/रायपुर: भारत सरकार के रेल मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल के विकास में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 140 किलोमीटर लंबी रावघाट-जगदलपुर नई रेल लाइन परियोजना को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर लगभग 3513.11 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जिसका पूरा वहन केंद्रीय बजट से किया जाएगा। यह परियोजना बस्तर क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक और औद्योगिक विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होने की उम्मीद है।केंद्र सरकार ने रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन को दी हरी झंडी
मुख्यमंत्री ने जताया प्रधानमंत्री और रेल मंत्री का आभार
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस महत्वपूर्ण स्वीकृति के लिए राज्य की जनता की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना बस्तर के दूरस्थ और जनजातीय बहुल जिलों को रेल नेटवर्क से जोड़ने के बहुप्रतीक्षित सपने को साकार करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।केंद्र सरकार ने रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन को दी हरी झंडी
बस्तर के विकास की नई पटरी: कोंडागांव और नारायणपुर पहली बार रेल मानचित्र पर
रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन के बनने से न केवल कोंडागांव और नारायणपुर जैसे तुलनात्मक रूप से पिछड़े जिले पहली बार देश के रेल मानचित्र पर अंकित होंगे, बल्कि इससे आदिवासी अंचलों में आवागमन, पर्यटन और व्यापार की अपार संभावनाएं भी खुलेंगी। यह रेल मार्ग बस्तर की मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक धरोहरों और समृद्ध जनजातीय संस्कृति तक पर्यटकों की सीधी पहुंच सुनिश्चित करेगा, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन होगा और पर्यटन उद्योग को अभूतपूर्व बढ़ावा मिलेगा।केंद्र सरकार ने रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन को दी हरी झंडी
आर्थिक क्रांति की ओर अग्रसर बस्तर
इस रेल कनेक्टिविटी से क्षेत्र के प्रचुर खनिज संसाधनों के परिवहन, स्थानीय उत्पादों की बाजारों तक पहुंच और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क में व्यापक सुधार होगा। यह परियोजना क्षेत्रीय उद्योगों और किसानों को राष्ट्रीय बाजार से जोड़ने में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी। स्थानीय व्यापार, पर्यटन, खनिज संसाधनों का समुचित दोहन और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। यह परियोजना शांति, सुरक्षा और समावेशी विकास के त्रिपक्षीय लक्ष्य को धरातल पर उतारेगी, जिससे बस्तर की पहचान हिंसा और उपेक्षा के बजाय उम्मीद, अवसर और प्रगति की भूमि के रूप में स्थापित होगी।केंद्र सरकार ने रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन को दी हरी झंडी
भू-अधिग्रहण का कार्य अंतिम चरण में, जल्द शुरू होगा निर्माण
प्रस्तावित रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है, जिससे परियोजना के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की बाधा आने की संभावना नहीं है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ होकर निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किया जा सकेगा।केंद्र सरकार ने रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन को दी हरी झंडी
नक्सलवाद के उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका
माना जा रहा है कि यह रेल परियोजना नक्सलवाद के उन्मूलन की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। जब विकास की धारा गांव-गांव तक पहुंचेगी, युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और जनजातीय समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी, तो हिंसा और भय का स्थान उम्मीद और विश्वास ले लेगा। बस्तर की धरती वर्षों से विकास की राह देख रही थी। आज जब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री स्वयं बस्तर के विकास के लिए चिंतित हैं, तो यह सिर्फ एक परियोजना की शुरुआत नहीं, बल्कि एक नए युग का सूत्रपात है, जिसमें बस्तर का प्रत्येक गांव विकास की पटरी पर तेजी से आगे बढ़ेगा।केंद्र सरकार ने रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन को दी हरी झंडी
विकास के वादे की पूर्ति का प्रतीक
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के दूरदर्शी नेतृत्व में बस्तर के समग्र विकास का जो सपना देखा गया था, वह अब रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन परियोजना के माध्यम से साकार होता दिख रहा है। यह स्वीकृति बस्तर की जनता के प्रति सरकार की गहरी भावनात्मक प्रतिबद्धता और विकास के वादे को पूरा करने का प्रतीक है। यह रेल मार्ग बस्तर के लिए केवल एक परिवहन नेटवर्क नहीं, बल्कि एक नई जीवनरेखा साबित होगा, जो लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार और पर्यटन के बेहतर अवसरों से जोड़ेगा। इससे कोंडागांव, नारायणपुर, कांकेर जैसे जिले, जो अब तक विकास की मुख्य धारा से कुछ दूर थे, अब राष्ट्रीय विकास की धारा से सीधे जुड़ सकेंगे।केंद्र सरकार ने रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन को दी हरी झंडी
बस्तर में परिवर्तन का ऐतिहासिक दौर
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर आज परिवर्तन के एक ऐतिहासिक दौर से गुजर रहा है। रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन को स्वीकृति देकर केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि विकास अब सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि बस्तर के वनांचलों, घाटियों और जनजातीय क्षेत्रों तक उसकी पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। यह परियोजना बस्तरवासियों की वर्षों पुरानी आकांक्षाओं को साकार करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।केंद्र सरकार ने रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन को दी हरी झंडी
मार्च 2026 तक नक्सलवाद के खात्मे का लक्ष्य
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद का समूल उन्मूलन करने का स्पष्ट लक्ष्य रखा है। इस दिशा में केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह स्वयं बस्तर का दौरा कर ‘बस्तर पण्डुम’ जैसे आयोजनों में भाग लेकर यह संदेश दे चुके हैं कि बस्तर में अब नक्सल नहीं, बल्कि केवल विकास का युग चलेगा। यह रेल लाइन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शासन की सकारात्मक और निर्णायक उपस्थिति को और अधिक सशक्त बनाएगी। जब मुख्यमंत्री स्वयं चौपालों में बैठकर ग्रामीणों की समस्याओं को सुन रहे हैं और प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री बस्तरवासियों के विकास की मूल भावना को समझते हुए कार्य कर रहे हैं, तो यह स्पष्ट है कि बस्तर अब किसी कोने में नहीं, बल्कि राष्ट्रीय विकास की केंद्रीय भूमिका में है। यह परियोजना न केवल बस्तर में रेल परियोजनाओं के विस्तार का प्रतीक है, बल्कि यह नए भारत में समावेशी विकास की एक मजबूत मिसाल भी है, जहां विकास अब सिर्फ महानगरों तक सीमित नहीं, बल्कि बस्तर जैसे दूरस्थ अंचलों के जंगलों और पहाड़ों तक भी पहुंच रहा है।केंद्र सरकार ने रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन को दी हरी झंडी