छत्तीसगढ़ का भविष्य IIM में! साय सरकार का ‘रिपोर्ट कार्ड’ और ‘गुड गवर्नेंस’ पर महामंथन, CM समेत सभी मंत्री क्लासरूम में
रायपुर: छत्तीसगढ़ की साय सरकार का पूरा मंत्रिमंडल आज IIM (भारतीय प्रबंधन संस्थान), रायपुर के क्लासरूम में है। ‘चिंतन शिविर 2.0’ के नाम से आयोजित इस दो दिवसीय महामंथन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय समेत सभी मंत्री शामिल हुए हैं। इसका मकसद सरकार के डेढ़ साल के कामकाज का मूल्यांकन करना और भविष्य के लिए ‘गुड गवर्नेंस’ का एक नया रोडमैप तैयार करना है।छत्तीसगढ़ का भविष्य IIM में! साय सरकार का ‘रिपोर्ट कार्ड’ और ‘गुड गवर्नेंस’ पर महामंथन
क्यों हो रहा है यह ‘चिंतन शिविर’?
इस दो दिवसीय ‘चिंतन शिविर 2.0’ का लक्ष्य सिर्फ एक औपचारिक बैठक करना नहीं, बल्कि सरकार के प्रदर्शन का लेखा-जोखा तैयार करना है। शिविर में देश के जाने-माने विषय विशेषज्ञ मंत्रियों को गुड गवर्नेंस, दूरदर्शी शासन और प्रभावी नेतृत्व के गुर सिखाएंगे। सभी मंत्री अपने-अपने विभाग के डेढ़ साल के कार्यकाल के अनुभव, सफलताएं और चुनौतियों को साझा करेंगे, जिसके आधार पर भविष्य की रणनीति तय की जाएगी।छत्तीसगढ़ का भविष्य IIM में! साय सरकार का ‘रिपोर्ट कार्ड’ और ‘गुड गवर्नेंस’ पर महामंथन
IIM के क्लासरूम में मंत्री: क्या है एजेंडा?
इस हाई-प्रोफाइल शिविर का एजेंडा बेहद स्पष्ट है। इसमें मुख्य रूप से इन विषयों पर चर्चा होगी:
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परिवर्तनकारी नेतृत्व और सुशासन
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समावेशी डिजिटल व्यवस्था का निर्माण
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राष्ट्र निर्माण में संस्कृति की भूमिका
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सेवा, संकल्प और सीख के मंत्र
सभी मंत्री अपने अनुभव साझा करेंगे और विशेषज्ञों के साथ मिलकर समस्याओं का समाधान तलाशेंगे, ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंच सके।छत्तीसगढ़ का भविष्य IIM में! साय सरकार का ‘रिपोर्ट कार्ड’ और ‘गुड गवर्नेंस’ पर महामंथन
विपक्ष का तीखा हमला: ‘यह चिंतन नहीं, पर्यटन है!’
एक तरफ जहां भाजपा इसे ‘गुड गवर्नेंस’ की पाठशाला बता रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने इस पर तीखा तंज कसा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, “साय सरकार के मंत्रियों की पाठशाला लगनी ही चाहिए, क्योंकि इनसे सरकार संभल नहीं रही है। प्रदेश की जनता परेशान है और सरकार सिर्फ लूट मचा रही है।”छत्तीसगढ़ का भविष्य IIM में! साय सरकार का ‘रिपोर्ट कार्ड’ और ‘गुड गवर्नेंस’ पर महामंथन
उन्होंने आगे कहा, “यह चिंतन शिविर नहीं, बल्कि पर्यटन है। सरकार ने डेढ़ साल लूट लिया, अब शिविर के बहाने पर्यटन कर रही है।”
इस सियासी रार के बीच, अगले दो दिन छत्तीसगढ़ की राजनीति और प्रशासनिक दिशा तय करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।छत्तीसगढ़ का भविष्य IIM में! साय सरकार का ‘रिपोर्ट कार्ड’ और ‘गुड गवर्नेंस’ पर महामंथन