छत्तीसगढ़ में फर्जी डॉक्टरों का ‘खेल’ होगा खत्म! अब हर 5 साल में कराना होगा मेडिकल रजिस्ट्रेशन रिन्यू, NMC का सख्त आदेश
रायपुर (CG News): छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे फर्जी डॉक्टरों पर अब शिकंजा कसने वाला है। नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के निर्देश पर छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल (CGMC) अब हर पांच साल में डॉक्टरों के पंजीयन का नवीनीकरण अनिवार्य करने जा रही है। इस संबंध में जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी, जिसके बाद प्रदेश में फर्जी डॉक्टरों पर लगाम लगने की प्रबल संभावना है। यह कदम मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और चिकित्सा पेशे की गरिमा बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।छत्तीसगढ़ में फर्जी डॉक्टरों का ‘खेल’ होगा खत्म!
क्यों पड़ी नवीनीकरण की जरूरत?
दरअसल, प्रदेश में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां या तो व्यक्ति बिना किसी वैध रजिस्ट्रेशन के प्रैक्टिस कर रहा है या फिर किसी अन्य डॉक्टर के रजिस्ट्रेशन नंबर का दुरुपयोग कर रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि ऐसे लोग निजी अस्पताल खोलकर मरीजों का इलाज भी कर रहे हैं। मौजूदा व्यवस्था में एक बार पंजीयन होने के बाद वह आजीवन मान्य रहता है, जिसके चलते कई ऐसे डॉक्टरों के नाम भी सूची में शामिल हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है। सीजीएमसी में वर्तमान में साढ़े सोलह हजार से अधिक डॉक्टर पंजीकृत हैं, लेकिन इनमें से कितने सक्रिय हैं या कितने दिवंगत हो चुके हैं, इसका कोई सटीक आंकड़ा काउंसिल के पास नहीं है। पांच वर्षीय नवीनीकरण से मृत डॉक्टरों की पहचान हो सकेगी और उनके पंजीयन नंबरों का दुरुपयोग रोका जा सकेगा।छत्तीसगढ़ में फर्जी डॉक्टरों का ‘खेल’ होगा खत्म!
फर्जीवाड़े के चौंकाने वाले मामले
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बिलासपुर का मामला: एक युवक बिना किसी वैध रजिस्ट्रेशन के जनरल सर्जन बनकर एक निजी अस्पताल में सेवाएं दे रहा था। जब जनरल सर्जरी एसोसिएशन ने उसके फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पंजीयन से इनकार किया, तो वह फरार हो गया। सीएमएचओ के पास भी इस युवक के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और सीजीएमसी की पड़ताल में भी उसका कोई रजिस्ट्रेशन नहीं मिला। यह मामला तब उजागर हुआ जब वह जनरल सर्जरी एसोसिएशन में रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचा था।छत्तीसगढ़ में फर्जी डॉक्टरों का ‘खेल’ होगा खत्म!
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गरियाबंद का मामला: गरियाबंद जिले के छुरा में एक एमबीबीएस डॉक्टर किसी अन्य डॉक्टर के रजिस्ट्रेशन नंबर का इस्तेमाल कर खुद को एनेस्थेटिस्ट बता रहा था। यानी, उसने दूसरे डॉक्टर के रजिस्ट्रेशन पर सीजीएमसी में फर्जी पंजीयन कराया था। यह मामला भी सीजीएमसी में लंबित है और सीएमएचओ की ओर से कथित उदासीनता बरती जा रही है।छत्तीसगढ़ में फर्जी डॉक्टरों का ‘खेल’ होगा खत्म!
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अंबिकापुर में बच्ची की मौत: अंबिकापुर में एक विदेशी मेडिकल स्नातक (FMG) द्वारा बिना सीजीएमसी पंजीयन और संभवतः बिना फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम (FMGE) पास किए इलाज करने का मामला सामने आया था। एक निजी अस्पताल में रक्त चढ़ाने के दौरान एक बच्ची की दुखद मौत के बाद यह खुलासा हुआ। जांच में पता चला कि विदेश से पढ़ा डॉक्टर बच्ची का इलाज कर रहा था।v
एनएमसी के आदेश का सख्ती से होगा पालन
एनएमसी के स्पष्ट आदेश के बाद सीजीएमसी इस नए नियम को सख्ती से लागू करने की तैयारी में है। इससे न केवल फर्जी डॉक्टरों पर लगाम लगेगी, बल्कि दूसरे के पंजीयन या बिना पंजीयन प्रैक्टिस करने वालों पर भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह नियम भारत में पढ़े एमबीबीएस डॉक्टरों के साथ-साथ विदेश से एमबीबीएस करने वाले उन डॉक्टरों पर भी समान रूप से लागू होगा जो भारत में प्रैक्टिस करना चाहते हैं।छत्तीसगढ़ में फर्जी डॉक्टरों का ‘खेल’ होगा खत्म!
अधिकारियों का मानना है कि इस कदम से चिकित्सा व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और मरीजों को योग्य एवं पंजीकृत डॉक्टरों से ही इलाज मिल सकेगा, जिससे उनकी जान को होने वाले संभावित खतरों को कम किया जा सकेगा।छत्तीसगढ़ में फर्जी डॉक्टरों का ‘खेल’ होगा खत्म!