धमतरी: शिक्षक से पकौड़े बेचने तक का सफर
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के कुरूद में नौकरी से बर्खास्त किए गए बीएड डिग्री धारक सहायक शिक्षक अब परिवार का भरण-पोषण करने के लिए सड़क किनारे पकौड़े बेचने को मजबूर हैं। हाल ही में हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने 2,900 शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया, जिससे हजारों शिक्षकों के सामने रोज़ी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। नौकरी से निकाले गए शिक्षक की मजबूरी: अब सड़क पर बेच रहे पकौड़े, सरकार से पूछा सवाल
योग्य शिक्षक का ठेला लगाने की मजबूरी
इनमें से एक शिक्षक गौरव गुप्ता, जो भौतिकी के व्याख्याता के रूप में चयनित हुए थे और आईआईटी, एमबीबीएस, यूपीएससी की कोचिंग देकर छात्रों को सफलता दिला चुके हैं, अब कुरूद में पकौड़े बेच रहे हैं। साल 2019 में व्याख्याता बने गौरव 2023 में सहायक शिक्षक के रूप में कार्यरत थे, लेकिन अब सड़क किनारे ठेला लगाकर जीविका चला रहे हैं। नौकरी से निकाले गए शिक्षक की मजबूरी: अब सड़क पर बेच रहे पकौड़े, सरकार से पूछा सवाल
हजारों शिक्षकों पर रोज़गार का संकट
सुप्रीम कोर्ट के एक हालिया फैसले के बाद बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की नौकरी चली गई। इससे न सिर्फ उनका रोजगार छिना, बल्कि उनके परिवार की आजीविका भी खतरे में पड़ गई है। कई शिक्षक बैंक से लिए गए लोन की किस्तें नहीं चुका पा रहे हैं और आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। नौकरी से निकाले गए शिक्षक की मजबूरी: अब सड़क पर बेच रहे पकौड़े, सरकार से पूछा सवाल
सरकार से पुनर्वास की मांग
बर्खास्त शिक्षकों का सरकार से सवाल है कि क्या उनके पुनर्वास के लिए कोई नीति बनाई जाएगी, या उन्हें ऐसे ही संघर्ष करना पड़ेगा? सरकार की ओर से इस पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। शिक्षक लगातार अपनी बहाली और समायोजन की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। हालांकि, नगरीय निकाय चुनाव के कारण आचार संहिता लागू होने से यह आंदोलन फिलहाल स्थगित है। नौकरी से निकाले गए शिक्षक की मजबूरी: अब सड़क पर बेच रहे पकौड़े, सरकार से पूछा सवाल
क्या चुनाव के बाद फिर सड़कों पर उतरेंगे शिक्षक?
बर्खास्त शिक्षकों का कहना है कि चुनाव के बाद वे फिर से अपनी मांगों के लिए आंदोलन करेंगे। लेकिन तब तक उन्हें अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए छोटे-मोटे काम करने होंगे। नौकरी से निकाले गए शिक्षक की मजबूरी: अब सड़क पर बेच रहे पकौड़े, सरकार से पूछा सवाल