
हजारों शिक्षकों के प्रमोशन का रास्ता होगा साफ? प्राचार्य पदोन्नति मामले में हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
हजारों शिक्षकों के प्रमोशन का रास्ता होगा साफ? छत्तीसगढ़ में प्राचार्य पदोन्नति को लेकर चल रहे हाई-प्रोफाइल मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट में अंतिम सुनवाई पूरी हो गई है। सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस रविंद्र कुमार की सिंगल बेंच ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, जिससे अब इस मामले पर अंतिम निर्णय का इंतजार है।
दोनों पक्षों ने रखी अंतिम दलीलें, अब फैसले का इंतजार
मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता शिक्षक नारायण प्रकाश तिवारी और राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने अपना-अपना अंतिम पक्ष रखा। इससे पहले, मामले में हस्तक्षेप करने वाले वकील अनूप मजूमदार ने भी अपनी दलीलें पेश की थीं। सभी पक्षों को विस्तार से सुनने के बाद कोर्ट ने निर्णय को सुरक्षित रखने का आदेश दिया।हजारों शिक्षकों के प्रमोशन का रास्ता होगा साफ?
डिवीजन बेंच पहले ही दे चुकी है सरकार के नियमों को हरी झंडी
यह जानना महत्वपूर्ण है कि इससे पहले जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस ए.के. प्रसाद की डिवीजन बेंच ने इस मामले से जुड़ी आधा दर्जन याचिकाओं को खारिज कर दिया था। डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में राज्य सरकार द्वारा प्राचार्य पदोन्नति के लिए बनाए गए नियमों और मापदंडों को पूरी तरह से वैध और उचित ठहराया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि शासन की प्रमोशन नीति में कोई कानूनी खामी नहीं है।हजारों शिक्षकों के प्रमोशन का रास्ता होगा साफ?
एक याचिका के कारण अटकी है 1475 शिक्षकों की पदस्थापना
डिवीजन बेंच से राहत मिलने के बाद, स्कूल शिक्षा विभाग ने टी-संवर्ग के 1475 शिक्षकों को प्राचार्य के पद पर पदस्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। आपको बता दें कि विभाग ने 30 अप्रैल को पदोन्नति सूची जारी की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने 1 मई को रोक लगा दी थी। हालांकि, अब नारायण प्रकाश तिवारी की याचिका सिंगल बेंच में लंबित होने और उस पर फैसला सुरक्षित रखे जाने के कारण यह पदस्थापना प्रक्रिया एक बार फिर अटकी हुई है। जब तक सिंगल बेंच का फैसला नहीं आ जाता, तब तक इन शिक्षकों को अपनी नई पोस्टिंग के लिए इंतजार करना होगा।हजारों शिक्षकों के प्रमोशन का रास्ता होगा साफ?









