दिल्ली: राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण और शिकायत निवारण आयोग ने दिल्ली के दो डॉक्टर्स और संबंधित अस्पताल को लापरवाही के कारण एक करोड़ 20 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि इसमें कोई कमी नहीं है। मामला उस समय का है जब डॉक्टरों ने एक मरीज के दाएं पैर की बजाय बाएं पैर का ऑपरेशन कर दिया था। पैर के ऑपरेशन में हुई लापरवाही, मरीज को मिलेगा 1 करोड़ 20 लाख मुआवजा
मामला क्या था?
19 जून 2016 को शालीमार बाग निवासी रवि राय सीढ़ियों से गिरने के बाद दोनों पैरों की हड्डी तोड़ बैठे थे। उन्हें फोर्टिस अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां डॉक्टर राहुल काकरान की देखरेख में उनका इलाज किया गया। जांच में सामने आया कि दाएं पैर की हड्डी ज्यादा टूट गई थी, जबकि बाएं पैर में हेयर लाइन फ्रैक्चर था। बावजूद इसके डॉक्टरों ने 21 जून को बाएं पैर का ऑपरेशन कर दिया, जो बाद में एक बड़ी गलती साबित हुई। पैर के ऑपरेशन में हुई लापरवाही, मरीज को मिलेगा 1 करोड़ 20 लाख मुआवजा
परिजनों का विरोध और कानूनी कार्रवाई
अगले ही दिन, जब रवि के परिवार वालों ने अस्पताल में हंगामा किया और अस्पताल और डॉक्टरों के खिलाफ शालीमार बाग थाने में एफआईआर दर्ज कराई, तो मामला बढ़ गया। इसके बाद, रवि को मैक्स अस्पताल में शिफ्ट किया गया और परिवार ने अस्पताल को लीगल नोटिस भेजकर पांच करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग की।
दिल्ली मेडिकल काउंसिल की कार्रवाई
इस मामले की मीडिया में रिपोर्टिंग के बाद, दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने स्वत: संज्ञान लिया और डॉक्टरों के खिलाफ जांच की। जांच में डॉक्टरों की गलती पाई गई और उनके लाइसेंस रद्द कर दिए गए। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने दिल्ली मेडिकल काउंसिल के आदेश को बरकरार रखा। पैर के ऑपरेशन में हुई लापरवाही, मरीज को मिलेगा 1 करोड़ 20 लाख मुआवजा
राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग का आदेश
रवि ने फिर राष्ट्रीय उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग में मुआवजे का दावा किया, जिसमें आयोग ने एक करोड़ 20 लाख रुपए का मुआवजा तय किया। अस्पताल को 90 लाख रुपए और ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों को दस-दस लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया गया। पैर के ऑपरेशन में हुई लापरवाही, मरीज को मिलेगा 1 करोड़ 20 लाख मुआवजा