
रायपुर : शारदा एनर्जी के खिलाफ ग्रामीणों का हल्ला-बोल, स्थायी नौकरी और सुविधाओं की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना, राजधानी रायपुर के सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र में स्थित शारदा एनर्जी एंड पावर मिनरल्स कंपनी के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा है। शनिवार सुबह से ही मांढर, गिरौद, टेकारी, सांकरा समेत कई गांवों के ग्रामीण और जनप्रतिनिधि कंपनी के मुख्य द्वार के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने कंपनी प्रबंधन पर स्थानीय लोगों की अनदेखी करने और वादे पूरे न करने का आरोप लगाया है।
ग्रामीणों के इस प्रदर्शन के चलते कंपनी का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है। प्रदर्शनकारियों ने कंपनी के सभी मुख्य द्वारों को जाम कर दिया है, जिसके चलते सुबह की पाली में काम करने आए मजदूर बाहर फंसे रह गए, जबकि रात की पाली के कर्मचारी कंपनी के अंदर ही कैद हो गए हैं। प्रदर्शन स्थल पर अब तक कंपनी प्रबंधन की ओर से किसी भी जिम्मेदार अधिकारी के न पहुंचने से ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।शारदा एनर्जी के खिलाफ ग्रामीणों का हल्ला-बोल
यह हैं प्रमुख मांगें

धरने पर बैठे सरपंचों और ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने पहले भी अपनी मांगों को लेकर कंपनी प्रबंधन और प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
स्थायी नौकरी: जिनकी जमीनें अधिग्रहित की गई हैं, उन्हें स्थायी नौकरी दी जाए। साथ ही, 15-20 सालों से ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों को स्थायी किया जाए।
CSR फंड का उपयोग: कंपनी अपने CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड का उपयोग स्थानीय ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों में करे।
स्थानीय भर्ती: कंपनी में होने वाली भर्तियों की जानकारी स्थानीय लोगों को दी जाए और उन्हें प्राथमिकता मिले।
बुनियादी सुविधाएं: क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्र में उचित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं और मेधावी छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाए।
अनापत्ति प्रमाण पत्र: किसी भी नए उद्योग विस्तार से पहले संबंधित ग्राम पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेना अनिवार्य किया जाए।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक कंपनी प्रबंधन उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन नहीं देता, तब तक उनका यह अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा।शारदा एनर्जी के खिलाफ ग्रामीणों का हल्ला-बोल









