
नशे की राजधानी बनता दल्लीराजहरा: चौक-चौराहों पर बिक रही ‘पुड़िया’, अपराध की गिरफ्त में बर्बाद हो रही युवा पीढ़ी
नशे की राजधानी बनता दल्लीराजहरा: चौक-चौराहों पर बिक रही ‘पुड़िया, छत्तीसगढ़ का दल्लीराजहरा शहर धीरे-धीरे नशे के दलदल में धंसता जा रहा है। यहां के गली-मोहल्लों और चौक-चौराहों पर गांजे का कारोबार इस कदर बेखौफ हो चुका है कि ‘पुड़िया’ तय रेट पर खुलेआम बिक रही है और युवा पीढ़ी चिलम के धुएं में अपना भविष्य बर्बाद कर रही है। नशे की यह लत अब शहर में चोरी, चाकूबाजी और चेन स्नैचिंग जैसे गंभीर अपराधों की जड़ बनती जा रही है।
हर गली-नुक्कड़ पर ‘नशे का कारोबार’
शहर का शायद ही कोई कोना हो जहां नशे के सौदागर सक्रिय न हों। स्थानीय लोगों के अनुसार, इन इलाकों में गांजा आसानी से उपलब्ध है:
आशा टॉकीज के पीछे
गांधी चौक
शास्त्री नगर (वार्ड नंबर 21)
पंडर दल्ली
256 चौक
पुराना बाजार
बस स्टैंड
इन जगहों पर युवा और बेरोजगार लोग खुलेआम गांजा बनाते और पीते देखे जा सकते हैं, लेकिन उन पर लगाम कसने वाला कोई नहीं है।नशे की राजधानी बनता दल्लीराजहरा: चौक-चौराहों पर बिक रही ‘पुड़िया
नशा, बेरोजगारी और अपराध: एक जानलेवा कॉकटेल
यह समस्या सिर्फ गांजे तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक जानलेवा सामाजिक संकट बन चुकी है। नशे की लत में डूबे कई बेरोजगार युवा अब अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए अपराध का रास्ता अपना रहे हैं। वहीं, कुछ युवा इस अवैध धंधे को ही अपना पेशा बनाकर दूसरे युवाओं की जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं। प्रशासन के अभियान के दावे खोखले साबित हो रहे हैं, क्योंकि गांजा तस्करों का नेटवर्क लगातार मजबूत होता जा रहा है।नशे की राजधानी बनता दल्लीराजहरा: चौक-चौराहों पर बिक रही ‘पुड़िया
गांजा ही नहीं, नशीली दवाइयों का भी जाल
गांजे के साथ-साथ अब शहर में प्रतिबंधित नशीली दवाइयों का भी जाल फैल गया है। दल्लीराजहरा और कुसुमकसा जैसे इलाकों में युवा इन दवाइयों का सेवन कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, धमतरी और राजनांदगांव जैसे शहरों से नशीली दवाइयों की खेप यहां पहुंच रही है। इस पर चिंता जताते हुए राजहरा व्यापारी संघ के अध्यक्ष गोविंद वाधवानी ने कहा, “हमारी युवा पीढ़ी नशे की आदी हो रही है। प्रशासन को इन अवैध धंधों में लिप्त लोगों पर तत्काल और कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।”नशे की राजधानी बनता दल्लीराजहरा: चौक-चौराहों पर बिक रही ‘पुड़िया
पुलिस की कार्रवाई सिर्फ ‘खानापूर्ति’?
हालांकि पुलिस का दावा है कि कार्रवाई जारी है और हाल ही में गांजा पी रहे दो युवकों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई, लेकिन यह कार्रवाई ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। जब शहर के हर कोने में नशे का कारोबार खुलेआम चल रहा हो, तो ऐसी छोटी-मोटी कार्रवाइयां सिर्फ खानापूर्ति ही नजर आती हैं। बड़ा सवाल यह है कि इन तस्करों के नेटवर्क पर पुलिस कब और कैसे लगाम लगाएगी?नशे की राजधानी बनता दल्लीराजहरा: चौक-चौराहों पर बिक रही ‘पुड़िया









