लेट लतीफ अफसरों की अब खैर नहीं, ड्यूटी पर देरी पड़ेगी भारी
रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी कार्यालयों की कार्यशैली को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु साय द्वारा दिए गए निर्देशों का असर दिखने लगा है। 5 डे वर्किंग वीक लागू होने के बावजूद, लेट-लतीफी पर सख्ती से कार्रवाई की जा रही है। नए साल के संकल्प के तहत सुबह 10 बजे ऑफिस में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं। अब देरी से पहुंचने वाले अफसरों और कर्मचारियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।लेट लतीफ अफसरों की अब खैर नहीं
सुबह 10 बजे से पहले पहुंचने लगे कर्मचारी
मंत्रालय और तहसील कार्यालयों में लेट-लतीफी पर नकेल कसने के बाद सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति बढ़ी है। प्रवेश द्वार पर तैनात सुरक्षा कर्मियों के मुताबिक, सुबह 10 बजे से पहले ही अधिकांश कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर पहुंचने लगे हैं।लेट लतीफ अफसरों की अब खैर नहीं
मुख्य बदलाव जो देखने को मिल रहे हैं:
- पुराने शहर से आने वाली सरकारी बसें अब सुबह 9:50 से 9:55 तक गेट नंबर 4 पर पहुंचने लगी हैं।
- लेट कमर्स रजिस्टर में नाम दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जहां देरी का कारण लिखना अनिवार्य कर दिया गया है।
लेट कमर्स रजिस्टर और सख्त निर्देश
लेट-लतीफी पर लगाम कसने के लिए राज्य सरकार द्वारा जीएडी (सामान्य प्रशासन विभाग) के निर्देशों के तहत कुछ नई प्रक्रियाएं लागू की जा रही हैं।लेट लतीफ अफसरों की अब खैर नहीं
नए नियमों की चर्चा:
- जो कर्मचारी तीन दिन तक लगातार 10:15 बजे के बाद पहुंचते हैं, उनके नाम विभाग प्रमुख को भेजे जाएंगे।
- ऐसे कर्मचारियों की एक सीएल (कंपसरी लीव) कटौती करने की योजना बनाई जा रही है।
- फिलहाल, इस पर कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया है, लेकिन सख्ती की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं।
अधिकारियों की लेट-लतीफी पर सवाल
कर्मचारियों का कहना है कि सख्ती केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि अधिकारियों पर भी लागू होनी चाहिए। कई उच्च अधिकारी अभी भी समय पर कार्यालय नहीं पहुंचते, जिससे कामकाज प्रभावित होता है।लेट लतीफ अफसरों की अब खैर नहीं
कर्मचारियों की नाराजगी:
- कर्मचारियों का मानना है कि “ऑफिस @10″ के नियम को समान रूप से लागू किया जाना चाहिए।
- अगर उनके लिए सीएल कटौती का प्रावधान है, तो उच्च अधिकारियों को भी इससे छूट नहीं मिलनी चाहिए।
सरकार की सख्ती ने बढ़ाई जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री विष्णु साय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि शासकीय कामकाज सुबह 10 बजे से शुरू होना चाहिए। इसका उद्देश्य राज्य में प्रशासनिक दक्षता और कामकाज में पारदर्शिता बढ़ाना है।लेट लतीफ अफसरों की अब खैर नहीं
मुख्य उद्देश्य:
- समय पर सरकारी कार्यों की शुरुआत।
- विभागीय कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करना।
- जनता को समय पर सेवाएं प्रदान करना।
नियमों का पालन न करने वालों पर कार्रवाई होगी
सरकार का स्पष्ट रुख है कि सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को समयबद्धता का पालन करना होगा। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।लेट लतीफ अफसरों की अब खैर नहीं