₹4,000 करोड़ के महल में रहने वाला यह राजकुमार कौन… कृषि कंपनी का है मालिक!
भारत की प्राचीन विरासत को बनाए रखने वाले राजपरिवार के सदस्य आज भी देश में इसका समर्थन करते हैं। इन शाही परिवारों का लंबा इतिहास रहा है। लोग इनमें काफी दिलचस्पी रखते हैं। ग्वालियर राजघराना भी उनमें से एक है। इसमें जाने-माने राजनेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया ने अपने परिवार की राजनीतिक विरासत से अलग रास्ता चुना है। राजनीति के बजाय उन्होंने अपना खुद का कारोबारी साम्राज्य स्थापित किया है। अपने पिता से अरबों की दौलत पाने वाले महाआर्यमन ‘मायमंडी’ के को-फाउंडर हैं। आइए यहां उनके बारे में जानते हैं।
2022 में शुरू की थी कंपनी
महाआर्यमन ने कारोबारी जगत में कदम रखने का फैसला अपनी जड़ों के साथ गहरे जुड़ाव के कारण लिया। वह बहुत समय से कृषि क्षेत्र में कुछ करने की इच्छा रखते थे। साल 2022 में उन्होंने एग्रिकल्चर इंडस्ट्री में एक स्टार्टअप MyMandi की सह-स्थापना की। इसका मकसद इस क्षेत्र में क्रांति लाना है। MyMandi को इनोवेशन और उन्नत तकनीकों पर अपने फोकस के लिए जाना जाता है। इसने जल्दी ही पहचान हासिल कर ली।
स्टार्टअप बड़ी मात्रा में खरीदारी करने और एक स्केलेबल बिजनेस मॉडल को लागू करने पर फोकस करता है। यह बड़ी मात्रा में सब्जियां खरीदता है। उन्हें पैक करवाता है। ठेले वालों को वितरित करता हैं। वर्तमान में कंपनी चार शहरों में सक्रिय है। इनमें आगरा, ग्वालियर, नागपुर और जयपुर शामिल हैं।
स्टार्टअप वेंचर से महीने में इतनी कमाई
वर्तमान में इस बिजनेस से प्रति माह एक करोड़ रुपये की कमाई होती है। हालांकि, इस साल के अंत तक लक्ष्य 5 करोड़ रुपये मासिक आय का है। फॉर्च्यून ने पिछले साल जुलाई में बताया था कि स्टार्टअप ने 4.2 करोड़ रुपये का फंडिंग राउंड सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है महाआर्यमन सिंधिया 400 कमरों वाले भव्य महल में रहते हैं। इसे जय विलास महल के नाम से जाना जाता है। यह उनके परिवार की विरासत को दर्शाता है। ग्वालियर के मध्य में स्थित इस संपत्ति की कीमत 4,000 करोड़ रुपये है। यह सिंधिया परिवार की स्थायी विरासत का प्रतीक है। दरबार कक्ष में दुनिया का सबसे बड़ा कालीन है। यह महल की एक बेशकीमती संपत्ति है। इसका कुल क्षेत्रफल 1,24,771 वर्ग फीट है।